हादसों पर प्रशासन-प्रबंधन गंभीर नहीं, हाइवा मालिकों ने कहा- सड़कों पर अतिक्रमण के कारण वाहनों के लिए नहीं बचती जगह Dhanbad News
हाइवा मालिकों का कहना है कि हाइवा के बढ़ते तादाद के मुकाबले नये प्रशिक्षित चालकों का भी अभाव है जिसके कारण भी सड़क हादसे बढ़े हैं।
धनबाद, जेएनएन। जिले में हाइवा की चपेट में आने से जान गंवाने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। बावजूद इस समस्या का कोई स्थायी समाधान होता नहीं दिखता। आम जन जहां इसका सीधा समाधान बाजार क्षेत्र से हाइवा पर प्रतिबंध लगाना कह रहे हैं। वहीं हाइवा मालिकों की अपनी समस्या है। उनका कहना है कि जीटी रोड जैसे हाइवे पर भी तोपचांची, राजगंज, गोविंदपुर व निरसा जैसे बाजार हैं। फिलहाल फोर लेन इस रोड का दो लेन हमेशा फुटपाथ दुकानदारों के कब्जे में होता है। साप्ताहिक हाट भी सड़क पर ही लगते हैं।
दूसरी तरफ झरिया, करकेंद, केंदुआ, पुटकी, महुदा, कतरास जैसे बाजार हैं जो चारों तरफ कोलियरियों से घिरे हैं। यहां एक तरफ लोडिंग प्वाइंट हैं तो दूसरी तरफ रेलवे साइडिंग। हाइवा के लिए बाजार को पार करना मजबूरी है। हाइवा के बढ़ते तादाद के मुकाबले नये प्रशिक्षित चालकों का भी अभाव है। हाइवा मालिक इसको भी हादसे का प्रमुख कारण मानते हैं।
हाइवा परिवहन के लिए ये हैं दिशा निर्देश :
- 12 वर्ष तक हो सकता है एक वाहन का कार्यकाल।
- आठ घंटे के शिफ्ट में रहेंगे एक चालक व सह चालक।
- शहरी क्षेत्र में 40 किमी प्रति घंटा की रहेगी रफ्तार (विभिन्न क्षेत्रों में ट्रैफिक द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार कम या ज्यादा)
- 10 चक्का वाहन के लिए 18.500 टन तक वजन मान्य। (12 चक्का रहने पपर छह टन अधिक)
- प्रति वर्ष करानी होगी फिटनेस की जांच। जमा करना होगा प्रमाणपत्र।
- हर छह माह में प्रदूषण की जांच करानी होगी। जमा करना होगा प्रमाण पत्र।
- कोयला, राख, बालू या पत्थर ढोते समय उसे पूरी तरह भिंगोना व तिरपाल से ढकना जरूरी।
हाइवा मालिकों की परेशानी :
- हैवी व्हीकल चालकों के लाइसेंस की प्रक्रिया इतनी दुरूह कि ट्रेंड चालक मिलना मुश्किल हो रहा।
- मैट्रिक पास का प्रमाण पत्र, ट्रेनिंग के लिए राशि और समय जिसके पास हो वह इस पेशे में क्यों कूदेगा?
- सड़कों की चौड़ीकरण होनी चाहिए। अधिकांश सड़कों पर दो हाइवा पास नहीं कर सकते।
- सड़कों के किनारे से अतिक्रमण हटाया जाए। इसके कारण फुटपाथ के लिए कहीं जगह नहीं बची। लोग सड़कों पर चलते हैैं।
- बीसीसीएल भी हाइवा परिचालन के लिए लोडिंग प्वाइंट से रेलवे साइडिंग तक अलग सड़क की व्यवस्था करे।
- ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू किया जाए। अधिकांश हादसे बाइक चालकों की गलतियों के कारण होते हैैं।
- सड़कों से अतिक्रमण हटाया जाए। राजगंज, गोविंदपुर, निरसा तीनों जीटी रोड पर हैैं। बावजूद सड़क पर भीड़ ऐसी कि किसी दिन ब्रेक फेल हुआ तो बड़ा हादसा हो सकता है।
इन जगहों पर है प्रतिबंध :
- बैैंकमोड़ से होकर हाइवा परिचालन पर पूरी तरह प्रतिबंध है।
- निरसा व गोविंदपुर बाजार से सुबह 7:00 से नौ और शाम 5:30 से 7:00 बजे तक हाइवा परिचालन है प्रतिबंधित
- झरिया बाजार होकर हाइवा का परिचालन सुबह कार्यालय के समय व शाम को छुट्टी के समय तीन-तीन घंटे परिचालन प्रतिबंधित।
- करकेंद-केंदुआ बाजार में भी सुबह नौ से 11 व शाम तीन से पांच हाइवा परिचालन पर रोक है।
35000 का खर्च कहा से वहन करेंगे : सरकार ने जब से हैवी व्हीकल लाइसेंस की प्रक्रिया सख्त की है, नए व ट्रेंड चालकों का टोटा पड़ गया है। पहले वर्षों तक चालक के सान्निध्य में खलासी सीखता था, तभी स्टीयरिंग पकड़ता था। इसमें वही टिकते थे जिनकी रुचि होती थी। चालक-सहचालक में गुरु-शिष्य का संबंध होता था। अब तो मालिक जिसे चाहे उसके नाम लाइसेंस बनवाता है और काम पर लगा देता है। अधिकांश गरीब तबके के लोग यह काम करने आते हैं। दो साल ट्रेनिंग लेने का उनके पास समय कहां है। पूरी प्रक्रिया में 35000 के लगभग का खर्च आता है। वे कहां से वहन कर सकेंगे। लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल करने की जरूरत है। इससे हादसे कम करने में सहूलियत होगी। -संजय सिंह, अध्यक्ष, एमपीएल हाइवा एसोसिएशन
शिकायत पर कार्रवाई नहीं हई तो जल्द आंदोलन भी करेगी भाजपा : एक-एक ट्रांसपोर्टर के मातहत दो-दो हजार हाइवा चलते हैं। ये नियमों की पूरी तरह अवहेलना हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि हाइवा परिचालन के लिए कोई अलग से नियमावली नहीं है। कांट्रैक्ट के दौरान अलग-अलग कंपनियां अलग-अलग सेवा शर्तें लागू करती हैैं। उनका अनुपालन भी सख्ती से न तो प्रशासन करवाता है न ही बीसीसीएल जैसी कंपनियां। फिटनेस से लेकर प्रदूषण तक के नियमों की अनदेखी हो रही है। हर जगह अवैध रूप से कागजात तैयार कर काम चलाया जा रहा है। इसके खिलाफ शिकायत की है और जल्द आंदोलन भी करेंगे। -चंद्रशेखर सिंह, जिला अध्यक्ष, भाजपा