अब सोडियम हाइपोक्लोराइट से सैनिटाइज होगी कोल कैपिटल, महाराष्ट्र से मंगवाया गया पांच हजार लीटर केमिकल Dhanbad News
धनबाद नगर निगम क्षेत्र को अगले एक महीने तक सोडियम हाइपोक्लोराइट से सैनिटाइज किया जाएगा। इस दौरान केमिकल का छिड़काव इंसानों पर नहीं करने का निर्देश दिया है।
धनबाद, जेएनएन। लॉकडाउन-01 के दौरान कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए नगर निगम धनबाद ने ब्लीचिंग पाउडर का घोल बनाकर शहर को सैनिटाइज किया था। अब नगर निगम ने ब्लीचिंग से सैनिटाइज करने पर रोक लगा दी है। कोरोना के संक्रमण से निजात पाने के लिए नगर निगम ने महाराष्ट्र से पांच हजार लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट केमिकल मंगवाया है। इसी से लॉकडाउन-2 के दौरान शहर को सैनिटाइज किया जाएगा।
मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने बताया कि इस केमिकल से अगले एक महीने तक नगर निगम क्षेत्र को सैनिटाइज किया जाएगा। हर गली मोहल्ला, सड़क, बंद दुकानें और प्रतिष्ठान सैनिटाइज होंगे। हालांकि, इस दौरान नगर निगम ने सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव इंसानों पर नहीं करने का निर्देश दिया है। एक-दो दिन के अंदर सैनिटाइजेशन का काम शुरू हो जाएगा।
फैक्ट फाइल
- नगर निगम में कुल अंचल : पांच
- धनबाद, झरिया, सिंदारी, कतरास एवं छाताटांड़
- नगर निगम में वार्ड : 55
- निगम क्षेत्र की आबादी : 11.62 लाख
- कुल हाउसहोल्ड (मकान) : 90,363
ये चीजें होंगी सैनिटाइज
- एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइट से छह घंटे में एक बार साफ किया जा सकेगा।
- सात फीट ऊंची दीवार की सतह को एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइट से छह घंटे में एक बार साफ किया जा सकता है।
- बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, गली-मोहल्ला एवं सार्वजनिक परिवहन वाली जगहों पर अधिक जोर होगा।
क्या है सोडियम हाइपोक्लोराइट : देश में कोरोनावायरस के इंफेक्शन से निपटने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है। सोडियम हाइपोक्लोराइट (एनएसीएलओ) एक हरे या पीले रंग का एक तरल पदार्थ होता है। यह एक स्ट्रांग ऑक्सीडाइजिंग एजेंट है। आम तौर पर इसे ब्लीच भी कहा जाता है, क्योंकि यह ब्लीच का एक एक्टिव इंग्रीडिएंट है। सोडियम हाइपोक्लोराइट एक सोडियम (एनए) एटम, एक क्लोरीन (सीएल) एटम और एक ऑक्सीजन (ओ) से मिलकर बनता है।
अब ब्लीचिंग पाउडर से छिड़काव नहीं होगा। यह बहुत अधिक कारगर नहीं है। इसलिए विशेष तौर पर महाराष्ट्र से सोडियम हाइपोक्लोराइट मंगवाया गया है। यह केमिकल काफी कारगर है। मुंबई को इसी से सैनिटाइज किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर और केमिकल मंगाया जाएगा। - चंद्रशेखर अग्रवाल, मेयर।
सोडियम हाइपोक्लोराइट के प्रयोग से पहले इनका रखना होगा ध्यान
- क्लोरीन सॉल्यूशन का डिस्इंफेक्टेंट घोल हर रोज ताजा बनाया जाना चाहिए। अधिक देर तक रोशनी में रहने से यह खराब हो जाता है।
- इसके छिड़काव से पहले कूड़ा-करकट, धूल, खून वगैरह साफ करना जरूरी है।
- छिड़काव वाली जगह कम से कम 10 मिनट तक इसके सॉल्यूशन से गीली रहे, इसके लिए दो-तीन बार स्प्रे करना पड़ सकता है।
- निर्धारित मात्रा से कम स्ट्रेंथ का सॉल्यूशन बनाने पर यह बेअसर हो जाएगा।
- सोडियम हाइपोक्लोराइट सांस में भी चला जाए तो इससे नाक, गले और सांस की नली में दिक्कत हो सकती है। नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए कोशिश हो कि सतर्कता के साथ छिड़काव किया जाए।
- इसका छिड़काव करने वाले सभी कर्मचारियों की सुरक्षा का इंतजाम करना होगा। उचित सुरक्षा सूट, दस्ताने, मास्क और गॉगल मुहैया करवाना होगा।
- सोडियम हाइपोक्लोराइट का केवल निर्जीव वस्तुओं पर ही छिड़काव किया जाना चाहिए। सड़क, दीवार, गेट व फर्श को छोड़ अन्य सजीव वस्तुओं, यहां तक कि पेड़-पौधों पर भी इसका छिड़काव घातक है।