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खाते में 23 लाख फिर भी तीन माह से वेतन को तरस रहे 27 कर्मचारी, आठ माह से बंद है धनबाद का बिरसा मुंडा पार्क Dhanbad News

धनबाद जिला प्रशासन के पास बिरसा मुंड पार्क के नाम से मौजूद खाते में 23 लाख 34 हजार 408 रुपये रखा हुआ लेकिन प्रशासन इस मद से वेतन देने को तैयार नहीं है। पार्क कर्मी को पिछले कई माह से सिर्फ आश्वासन ही मिला रहा है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 11:57 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 12:56 PM (IST)
खाते में 23 लाख फिर भी तीन माह से वेतन को तरस रहे 27 कर्मचारी, आठ माह से बंद है धनबाद का बिरसा मुंडा पार्क Dhanbad News
पिछले 3 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण नाराजगी जताते बिरसा मुंडा पार्क, धनबाद में काम करने वाले कर्मी।

धनबाद, [आशीष सिंह]। खजाना भरा होने के बाद भी शहर के एकमात्र बिरसा मुंडा पार्क के कर्मचारी एक-एक रुपये के लिए तरस रहे हैं। दुर्गा पूजा बीत गई, अब दीवाली का त्योहार भी आने को है। इनके भविष्य की चिंता प्रशासन को नहीं है, इसीलिए तो पिछले तीन माह से 27 कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिला है। यहां कार्यरत सभी कर्मियों को अगस्त, सितंबर और अक्टूबर का वेतन अभी तक नहीं मिला है। निगम के पास भी अब फंड नहीं है, इन तीन महीनों में निगम ने इन कर्मियों को बतौर एडवांस मात्र पांच हजार रुपया ही दिया गया है।

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जिला प्रशासन के पास बिरसा मुंड पार्क के नाम से मौजूद खाते में 23 लाख 34 हजार 408 रुपये रखा हुआ, लेकिन प्रशासन इस मद से वेतन देने को तैयार नहीं है। पार्क कर्मी कई दफा इस संबंध में डीडीसी से संपर्क कर लिखित रूप में दे चुके हैं। पिछले कई माह से सिर्फ आश्वासन ही मिला रहा है। दरअसल, 22 जून 2019 में बिरसा मुंडा पार्क के रखरखाव और देखभाल करने की जिम्मेवारी मिली। इससे पहले जिला प्रशासन पार्क की देखरेख और आमदनी का ब्योरा रखता था। जून 2019 तक पार्क के नाम पर खुले खाते में 23 लाख रुपया रखा हुआ है। इसके मालिक डीडीसी हैं।

पार्क की आमदनी से ही पांच माह तक मिला वेतन : पार्क कर्मी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। पार्क न खुलने से आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। पार्क का खजाना भी खाली हो चुका है। पार्क की आमदनी से ही वेतन भुगतान करने का प्रावधान है। मार्च से जो लॉकडाउन हुआ है तब से लेकर अभी तक पार्क बंद है। इसके खाते में तीन लाख रुपये बचा था, जिसे शुरुआती लॉकडाउन में वेतनमद में खर्च कर दिया गया। अब पार्क के अकाउंट में एक भी पैसा नहीं है। पार्क का रखरखाव कर रहे नगर निगम ने भी अब फंड के अभाव में हाथ खड़े कर दिए हैं। पार्क की सफाई भी नहीं हो पा रही है। आठ माह से बंद पड़े बिरसा मुंडा पार्क का मेंटेनेंस खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया है। इससे निपटने के लिए तीन माह पहले निगम ने दस में से आठ सुरक्षा कर्मियों को हटा दिया था, ताकि कुछ पैसा बच जाए। इसके बाद भी पार्क के 27 कर्मचारियों को वेतन देना निगम को भारी पड़ रहा है। कर्मचारियों को अगस्त से अक्टूबर माह का वेतन नहीं मिला है। सिर्फ वेतन मद में ही हर माह लगभग तीन लाख रुपये की जरूरत है। तीन माह का लगभग नौ लाख रुपये बकाया चल रहा है। पार्क के 27 कर्मचारियों में से तीन लिलौरी स्थान पार्क, एक राजेंद्र सरोवर पार्क बेकारबांध, दो उपायुक्त कार्यालय एवं आवास और एक डीडीसी आवास में कार्यरत हैं।

प्रतिमाह 6-8 लाख की होती थी टिकट से आमदनी: पार्क मैनेजर निवास बताते हैं कि कोराना काल से पहले बिरसा मुंडा पार्क में आनेवाले पर्यटकों से महीने में औसतन 5-6 लाख रुपये की आमदनी होती थी। आठ माह से एक रुपये की आय नहीं हुई, लेकिन वेतन और मेंटेनेंस का खर्च हर महीने देना पड़ रहा है। पार्क में झाड़ियां उग आ रही हैं, इसे साफ करने का खर्च अलग से देना पड़ रहा है।

पार्क बंद होने से आमदनी हो नहीं रही है और पार्क की बची हुई राशि व दूसरे मद से पिछले पांच माह तक भुगतान किया गया। कर्मियों को पांच हजार रुपये एडवांस दिया गया है। पिछले आठ माह से पार्क से एक रुपये की आय नहीं हुई है। -सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त।

बिरसा मुंडा पार्क के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने का मामला मेरे पास आया है। उनकी फाइल को कार्यवाही के लिए अग्रसारित किया गया है। किस कारण से मामला फंसा है, विभाग के पास कितनी राशि है। दस्तावेज मांगे गए हैं। उनकी समस्या को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र कुछ हल निकाला जाएगा। -दशरथ चंद्र दास, डीडीसी।


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