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बाबानगरी के कांग्रेसी निकले भुक्खड़, नाश्ते के लिए कृषि मंत्री के कार्यक्रम में एमओ को बनाया बंधक

चिकित्सा प्रभारी ने कहा कि सोनारायठाढ़ी के थानेदार को फोन किया मगर वह बोले कि कार्यक्रम में हैं। इसके बाद 100 नंबर पर डायल किया तो पुलिस आई। प्रभारी ने कहा कि यहां एक डाक्टर और एएनएम की पोस्टिंग है लेकिन छह माह से वेतन नहीं मिला है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 07:55 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 07:55 AM (IST)
बाबानगरी के कांग्रेसी निकले भुक्खड़, नाश्ते के लिए कृषि मंत्री के कार्यक्रम में एमओ को बनाया बंधक
चिकित्सा पदाधकारी से भिड़ते देवघर के कांग्रेसी ( प्रतीकात्मक फोटो)।

देवघर, जेएनएन। सोनारायठाढ़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन कार्यक्रम था। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने रविवार शाम इसका शुभारंभ किया। कार्यक्रम के बाद मंत्री वहां से निकल गए। उनके जाने के बाद नाश्ते का पैकेट लेने के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता स्वास्थ्यकर्मियों से उलझ गए। इसके बाद सारवां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिंह पहुंचे। उनसे बकझक करने लगे। फिर उन्हें एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया। उनके साथ धक्का-मुक्की की। बीच-बचाव के बाद तकरीबन डेढ़ घंटे बाद वह कमरे से निकले।

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डॉ. सुनील ने कहा कि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता ने धक्का-मुक्की करते हुए उन्हें कमरे में बंद कर दिया। हाथ में रखा नाश्ते का पैकेट छीन लिया। मोबाइल फेंक दिया और गाली-गलौज करने लगे। चिकित्सक ने कहा- वे कह रहे थे कि ऐसे काम नहीं चलेगा। यहां ड्यूटी करने वाले को कुछ देना होगा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्यकर्मियों के साथ भी मारपीट की। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर बता देंगे कि यहां काम नहीं करेंगे। एसपी से मिलकर सुरक्षा की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि मंत्री जी के पिताजी हरिशंकर पत्रलेख और उपेंद्र राय ने बीच-बचाव कर उनको मुक्त कराया। 

उन्होंने आरोप लगाया कि सोनारायठाढ़ी के थानेदार को फोन किया, मगर वह बोले कि कार्यक्रम में हैं। इसके बाद 100 नंबर पर डायल किया तो पुलिस आई। प्रभारी ने कहा कि यहां एक डाक्टर और एएनएम की पोस्टिंग है, लेकिन छह माह से वेतन नहीं मिला है। उनलोगों ने भी सुरक्षा मांगी है। उधर सोनारायठाढ़ी थाना प्रभारी केके श्रीवास्तव ने कहा कि चिकित्सा प्रभारी ने लिखित शिकायत नहीं की है। उनका फोन आया था कि उनका नाश्ते का पैकेट फेंक दिया गया है। कार्यकम में थे तो पूरी बात नहीं सुन पाए।


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