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बिहार के समय से उठ रही राजगंज को प्रखंड बनाने की मांग

शुभंकर राजगंज राजगंज को प्रखंड बनाने की मांग 40 साल पुरानी है। बिहार के समय से लेकर

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 11:53 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 11:53 PM (IST)
बिहार के समय से उठ रही राजगंज को प्रखंड बनाने की मांग
बिहार के समय से उठ रही राजगंज को प्रखंड बनाने की मांग

शुभंकर, राजगंज: राजगंज को प्रखंड बनाने की मांग 40 साल पुरानी है। बिहार के समय से लेकर झारखंड अलग राज्य बनने के बाद तक यह मांग उठती रही है। विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया। आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन तो अनवरत चलता रहा। बिहार विधान सभा से लेकर झारखंड के सदन तक अलग प्रखंड के लिए आवाज उठती रही, लेकिन आज तक इस मांग पर अमल नहीं हो सका है। बाघमारा प्रखंड को तोड़कर राजगंज प्रखंड को बनाने के लिए तत्कालीन टुंडी विधायक सत्यनारायण दुदानी ने बिहार विधानसभा में आवाज उठाई थी। इसके बाद बिनोद बिहारी महतो, डा. सबा अहमद ने भी इस मांग को सदन में रखा था। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद मथुरा प्रसाद महतो, राजकिशोर महतो अलग प्रखंड की मांग झारखंड विधानसभा में उठाये थे। इतना ही नहीं आधिकारिक स्तर पर भी अनुशंसा की गई थी।

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भौगोलिक दृष्टिकोण से अलग प्रखंड का दर्जा देने की ग्रामीणों की मांग जायज है। जीटी रोड पर अवस्थित राजगंज एक बड़ा बाजार है। आस पास इलाके के सैकड़ों गांव के लोगों का मुख्य बाजार है। बालक एवं बालिकाओं के लिए मध्य विद्यालय, हाई स्कूल, इंटर कालेज, महाविद्यालय एवं अस्पताल मौजूद है। साप्ताहिक हाट लगता है। इसके बावजूद अभी तक प्रखंड नहीं बनना जनभावना से आहत वाली बात है।

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आश्वासन देने में नहीं रहा कोई पीछे

झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के अलावा अर्जुन मुंडा, हेमंत सोरेन तक राजगंज में आयोजित सभा में प्रखंड बनाने का आश्वासन दे चुके हैं। रघुवर दास ने धनबाद परिसदन में यह बात दुहराई है। तीन मुख्यमंत्रियों का आश्वासन अभी तक पूरा नहीं हो सका।

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राजगंज को प्रखंड बनाओ की मांग को लेकर 25 मार्च को हलधर महतो के नेतृत्व में विशाल जनसभा का आयोजन हुआ था। पलटनटांड़ मैदान खचाखच भरा हुआ था। कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक थी। इसके पूर्व बाजार में आजसू के केंद्रीय महासचिव संतोष महतो, पूर्व जिलाध्यक्ष गिरधारी महतो, महासचिव प्रमोद चौरसिया के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया था। जल्द प्रखंड बनाने की मांग की गई थी।

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बाघमारा प्रखंड में 61 पंचायतें हैं। 18 पंचायत को मिलाकर राजगंज को नया प्रखंड बनाने की मांग उठाई जा रही है। इसमें बाघमारा प्रखंड से 16 एवं तोपचांची से दो पंचायत शामिल है। आबादी करीब 1.25 लाख है।

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राजगंज से बाघमारा का सफर कठिन

राजगंज से बाघमारा की दूरी 25 किलोमीटर है। जाने और आने के लिए 50 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। आवागमन सुलभ नहीं है। प्रखंड कार्यालय जाने के लिए पहले राजगंज से कतरास जाना पड़ता है। इसके बाद बाघमारा जाने के लिए गाड़ी बदलनी पड़ती है। एक व्यक्ति को करीब 150 रुपये खर्च करना पड़ता है। ऊपर से खाने-पीने में जो खर्च होता है वो अलग से।

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विधवा एवं दिव्यांगों के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अधिकारी मौके पर नहीं मिलने के बाद परेशानी क्या होती है बुजुर्ग भलीभांति बता सकते हैं।

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प्रखंड कार्यालय से राजगंज का दायरा काफी लंबा है। सुदूर इलाका दलूडीह पंचायत के गंगापुर, महतोटांड़ सहित बगदाहा, गोविदाडीह आदि पंचायत होने के कारण विकास के लिए बाधक बन गया है।

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सवा लाख जनता के लिए बाघमारा जाना दुर्गम रास्ता है। लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जब कम पंचायत मिलाकर पूर्वी टुंडी, एग्यारकुंड को प्रखंड बनाया जा सकता है, तो राजगंज को क्यों नहीं, जबकि राजगंज सभी अर्हता को पूरा करता है।

---हलधर महतो, पूर्व विधायक के प्रतिनिधि

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राजगंज प्रखंड बनने से विकास का पहिया तेजी से दौड़ेगा। गांव समृद्धि की ओर अग्रसर होगा।

प्रमोद चौरसिया, संचालक सह प्राचार्य ब‌र्ड्स गार्डन स्कूल

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प्रखंड कार्यालय दूरी होने के कारण लोगों को कठिन समस्याओं से गुजरना पड़ता है। लाभुकों को लाभ से वंचित होना पड़ता है।

प्रीतम अग्रवाल, संचालक सृष्टि ओटो

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प्रखंड दूर होना बुजुर्गों के लिए एक बड़ी परेशानी है। जो पेंशन पर आधारित हैं, ऐसे लोगों को मामूली काम के लिए सौ दो सौ खर्च करना मुश्किल हो जाता है।

किशुन दास, नागरिक मैराकुल्ही

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प्रखंड बनने से अधिकारी बैठेंगे। समस्याएं जल्द हल होगी। विकास की रफ्तार बढ़ेगी।

पंकज दास, मैराकुल्ही

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समस्या एक नहीं बल्कि अनगिनत है। इसका एक मात्र समाधान प्रखंड है। सरकार को इसपर जल्द अमल करने की जरूरत है।

राजू रवा, समाजसेवी, डोमनपुर

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युवाओं को अक्सर कुछ न कुछ काम के लिए प्रखंड जाना पड़ता है। समय पर अधिकारी नहीं मिलते। प्रखंड बनने के बाद समस्या का समाधान होगा।

उपेंद्र गुप्ता, राजगंज

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मांग आज का नहीं बल्कि दो दशक पुरानी है। नेता प्रखंड को मुद्दा बनाकर चुनाव पार कर लेता है। जरूरत है इसपर अमल करने की।

अवधेश चौरसिया, राजगंज

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गरीब सरकारी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। बुजुर्गों को लाभ नहीं मिल रहा है। लोगों के पास इतना पैसा नहीं है कि बाघमारा जा सके। इसका निदान राजगंज को प्रखंड बनाए जाने से ही संभव है।

चंदन दे, गल्लीकुल्ही


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