वाह रे सरकार का सुखाड़ मापक यंत्र ! चारों ओर पडा़ सूखा और बीच का यह जिला हो गया गीला Dhanbad News
केंद्र सरकार ने झारखंड के दस जिलों को सुखाडग़्रस्त घोषित किया है। 10 जिलों के करीब 12 लाख किसानों को राहत मिलेगी। झारखंड में सर्वाधिक सूखाग्रस्त जिला बोकारो है।
धनबाद, जेएनएन। सरकार किस यंत्र से अनावृष्टि का आकलन करती है यह तो वह ही बता सकती है लेकिन उसका निर्णय धनबाद को गले नहीं उतर रहा है। यह कैसे हो सकता है कि धनबाद के चारों तरफ बारिश न हो और धनबाद में हो। धनबाद की सीमा से लगे बोकारो जिले को झारखंड का सबसे सूखाग्रस्त जिला घोषित किया गया है। इसी तरह धनबाद से लगे जिला गिरिडीह और जामताड़ा में सुखाड़ है। लेकिन, सरकार के खाते में धनबाद में सुखाड़ नहीं है।
केंद्र सरकार ने झारखंड के दस जिलों को सुखाडग़्रस्त घोषित किया है। इस पहल से 10 जिलों के करीब 12 लाख किसानों को राहत मिलेगी। झारखंड में सर्वाधिक सूखाग्रस्त जिला बोकारो को घोषित किया गया है।वहीं अन्य नौ जिले में देवघर, गिरिडीह, गोड्डा, हजारीबाग, जामताड़ा, कोडरमा, पाकुड़, चतरा और गढ़वा को माध्यम श्रेणी में शामिल किया गया है। झारखंड सरकार ने रांची, दुमका और लातेहार को भी सुखाडग़्रस्त जिले में शामिल करने का आग्रह केंद्र सरकार से किया है। सूखाग्रस्त होने का आकलन एक अगस्त से चार सितंबर के दौरान हुई बारिश के आधार पर किया गया है।
केंद्र से किया था आग्रह : कृषि सचिव पूजा सिंघल ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से झारखंड को सुखाडग़्रस्त घोषित करने का आग्रह किया था। केंद्र ने अपनी जांच और तथ्यों व आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर राज्य के 10 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया है। कृषि सचिव ने कहा कि राज्य की ओर से तीन और जिलों को इस सूची में शामिल करने का आग्रह किया गया है।
सरकार के फैसले की आलोचनाः झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय महासचिव रमेश कुमार राही ने धनबाद को सुखाड़ जिला में शामिल नहीं करने के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि धनबाद के किसान परेशान हैं। यहां बारिश कम हुई है। यहां के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की विफलता के कारण धनबाद को सूखाग्रस्त जिला घोषित नहीं किया जा सका है। राही ने सरकार से धनबाद को भी सूखाग्रस्त जिला घोषित करने की मांग की है।