बधाई हो ! लक्ष्मी की प्राप्ति हुई है, Ernakulam-Bokaro Shramik Special में सिमडेगा की महिला का हुआ प्रसव
Bokaro railway station केरल से बोकारो आ रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सोमवार को झारखंड की सिमडेगा की महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
बोकारो, जेएनएन। Ernakulam-Bokaro Shramik Special केरला के एर्नाकुलम से सोमवार को दोपहर एक बजे बोकारो आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन जॉनसन और असीमा के लिए यादगार बन गई। इस ट्रेन में दंपती को पहली संतान का सुख मिला। सिमडेगा निवासी इस दंपती के लिए यह यात्रा हमेशा के लिए यादगार बन गई। दंपती का कहना था कि जब एर्नाकुलम से चले तो मायूसी व तनाव के सिवा कुछ नहीं था, लेकिन अब उनके पास जीने और खुश रहने की वजह है।
मायूसी लेकर निकले थे घर, रास्ते में मिली जिंदगी
सोमवार को चास एसडीएम शशि प्रकाश सिंह बाहर से आ रहे यात्रियों को उनके घर भेजने के लिए बोकारो रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। इस बीच क्षेत्रीय रेल प्रबंधक प्रभात प्रसाद ने सूचना दी कि ट्रेन के कोच संख्या एस-12 में सवार सिमडेगा निवासी असीमा को प्रसव पीड़ा हो रही है। समय से पूर्व ट्रेन बोकारो पहुंच गई। मौके पर मौजूद आरपीएफ की सब इंस्पेक्टर संगीता व एक महिला कर्मी कोच की तरफ दौड़ीं। ट्रेन में असीमा की सहयात्री उसका प्रसव कराने का प्रयास कर रही थी। तब तक रेलवे के डॉक्टर एचपी सिंह, डॉ. अनीता मुर्मू भी पहुंच गए। चिकित्सकों की उपस्थिति में असीमा ने एक बच्ची को जन्म दिया। सुरक्षित प्रसव को लेकर चिंतित असीमा के पति जॉनसन को नर्स ने बेटी होने पर बधाई दी।
शादी के बाद केरल चला गया था दंपती, लॉकडाउन में फंस गए थे वहीं
जॉनसन व असीमा का यह पहला बच्चा था। शादी के बाद दोनों केरल चले गए थे। वहां दोनो टाइल्स बनाने की कंपनी में काम करते थे। असीमा गर्भवती हो गई तो वह घर में रहने लगी। वापस सिमडेगा आना चाहती थी, पर पहले ट्रेन में जगह नहीं मिली, और फिर लॉकडाउन हो गया।
पल-पल की सूचना लेते रहे एसडीएम
स्टेशन पर मौजूद एसडीओ शशि प्रकाश सिंह पल-पल की सूचना लेते रहे। ट्रेन के आने पर आरपीएफ की महिला स्टाफ और मेडिकल टीम को कोच-12 में भेज महिला की डिलीवरी कराई। इसके बाद उसे सदर अस्पताल भेजा गया। मौके पर बोकारो स्टेशन प्रबंधक एके हलधर, अमित प्रियदर्शी तथा जिला प्रशासन के रूपेश तिवारी, पंकज दूबे सहित अन्य उपस्थति थे।
त्रिशूर से चले थे, कुरडेगा थी मंजिल
असीमा व जॉनसन सिमडेगा जिले के छोटकी बेवरा (कुरडेगा) के रहने वाले हैं। दोनों केरल के त्रिशूरपुरम में एक टाइल्स फैक्ट्री में काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन में काम प्रभावित होने की वजह से काफी परेशानी झेलनी पड़ी।