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DC ने रोका सफाई एजेंसी का भुगतान, DMC और जिला प्रशासन में होगा टकराव Dhanbad News

निगम ने रैमकी को DMFT से भुगतान करने का आश्वासन दिया है। निगम का स्पष्ट कहना है कि भुगतान डीएमएफटी फंड से किया जाना है इसके लिए बकायदा निगम बोर्ड से सहमति ली गई है।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 11:20 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 11:20 AM (IST)
DC ने रोका सफाई एजेंसी का भुगतान, DMC और जिला प्रशासन में होगा टकराव Dhanbad News
DC ने रोका सफाई एजेंसी का भुगतान, DMC और जिला प्रशासन में होगा टकराव Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। धनबाद जिला प्रशासन ने जिला मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) फंड से धनबाद नगर निगम (DMC) क्षेत्र में सफाई कर रही एजेंसी रैमकी का भुगतान रोक दिया है। सफाई मद में रैमकी को तीन माह का 47 लाख रुपये भुगतान करना है। जिला प्रशासन के इस निर्णय के बाद से रैमकी निगम के चक्कर लगी रही है।

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निगम ने रैमकी को डीएमएफटी फंड से भुगतान करने का आश्वासन दिया है। निगम का स्पष्ट कहना है कि रैमकी को भुगतान डीएमएफटी फंड से किया जाना है, इसके लिए बकायदा निगम बोर्ड बैठक में सहमति भी ली जा चुकी है। नगर निगम क्षेत्र में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और कचरे के निष्पादन की जिम्मेवारी रैमकी एजेंसी को दी गई है। इसके एवज में शुल्क का निर्धारण भी किया गया है। रैमकी को सभी 55 वार्ड में सफाई एवं कचरा उठाव का जिम्मा मिला हुआ है।

प्रतिटन कचरा उठाव व निष्पादन पर 2 हजार का भुगतानः निगम और रैमकी के बीच जो करार हुआ है, उसके अनुसार रैमकी कंपनी को प्रतिटन कचरे के उठाव और उसके निष्पादन के एवज में 2000 रुपए का भुगतान करना है। सूत्रों के अनुसार निगम क्षेत्र में प्रतिदिन 500 टन कचरा निकलता है। इसमें 250 से 300 टन कचरा घरों से निकलता है। शेष कचरा दुकान और होटलों से सड़क पर आता है। रैमकी को घर के साथ दुकानों-होटलों का भी कचरा उठा निष्पादन करना है।

भविष्य में कचरा उठाव का लिया जाएगा शुल्कः निगम क्षेत्र में रहने वालों से अभी कचरा उठाव का शुल्क नहीं लिया जा रहा है। हालांकि भविष्य में इसका शुल्क लेने की तैयारी है। मेयर के अनुसार निगम क्षेत्र में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के एवज में शहर के लोगों से यूजर चार्ज की वसूली भी की जाएगी। जिस तरह से धनबाद में कचरा निकल रहा है उसके हिसाब से एजेंसी को हर माह ५० लाख से अधिक का भुगतान करना होगा, इसके लिए चार्ज लगाना जरूरी है।

मेयर चंद्रशेखर अग्रवालः रैमकी को भुगतान डीएमएफटी फंड से करने का प्रस्ताव नगर निगम बोर्ड से पारित कर तत्कालीन उपायुक्त के पास भेजा गया था, भुगतान पर सहमति भी बनी थी। हालांकि अब इसका भुगतान रोक दिया गया है। जरूरत पड़ी तो कैबिनेट के पास भुगतान का प्रस्ताव भेजा जाएगा। डीएमएफटी का निर्माण कोयला क्षेत्र के प्रबंधन एवं विकास के लिए हुआ है, जब निगम इस क्षेत्र में सफाई करा रहा है तो फंड भी तो इसी का प्रयोग में लाया जाएगा।

उपायुक्त अमित कुमारः डीएमएफटी फंड में सफाई व्यवस्था के भुगतान का प्रावधान नहीं है। इस आधार पर भुगतान रोका गया है। नगर निगम के पास अगर ऐसा कोई प्रोसिडिंग है तो उपलब्ध कराएं, इसपर विचार किया जाएगा।


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