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डीसी लाइन को सीसीआरएस ने दिखाई हरी झंडी, अब रेलवे बोर्ड की अनुमति का इंतजार

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बजट में धनबाद-चंद्रपुरा के बीच वैकल्पिक रेललाइन निर्माण के लिए 10 लाख रुपये का फंड अलॉट किया। वैकल्पिक लाइन निचितपुर से टुंडू होकर बिछाई जाएगी।

By mritunjayEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 12:28 PM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 12:28 PM (IST)
डीसी लाइन को सीसीआरएस ने दिखाई हरी झंडी, अब रेलवे बोर्ड की अनुमति का इंतजार
डीसी लाइन को सीसीआरएस ने दिखाई हरी झंडी, अब रेलवे बोर्ड की अनुमति का इंतजार

धनबाद, जेएनएन। धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन पर ट्रेन परिचालन को चीफ कमिश्नर ऑफ रेल सेफ्टी शैलेस कुमार पाठक की मुहर के बाद शुक्रवार को पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललितचंद्र त्रिवेदी ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन वीके यादव को पत्र भेजकर परिचालन शुरू करने की अनुमति मांगी। रेलवे  बोर्ड की अनुमति मिलते ही डीसी लाइन पर रेल परिचालन शुरू हो जाएगा। दूसरी ओर, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बजट में धनबाद-चंद्रपुरा के बीच वैकल्पिक रेललाइन निर्माण के लिए 10 लाख रुपये का फंड अलॉट किया। वैकल्पिक लाइन 25.81 किलोमीटर लंबी होगी, जो निचितपुर से टुंडू होकर बिछाई जाएगी। इस परियोजना के लिए स्वीकृत लागत 629 करोड़ है। 

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कम राशि के कारण अभी शुरू नहीं होगा कामः डीसी लाइन के डायवर्जन के लिए सिर्फ 10 लाख ही मिले हैं। जानकारों का कहना है कि प्रोजेक्ट को चालू रखने के लिए यह रकम स्वीकृत की गई है। वैकल्पिक रूट को लेकर फिलहाल कोई काम नहीं होगा। 

गोमो में रेल ऑन रेल ब्रिज के लिए बजट में 40 करोड़ः हावड़ा-नई दिल्ली रेल मार्ग पर बढ़ते टे्रनों के दबाव को कम करने के लिए गोमो में रेल ऑन रेल ब्रिज का निर्माण होगा। मतारी से तेलो वाया गोमो तक 20 किलोमीटर लंबे ब्रिज के निर्माण में 487 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। बजट में इस प्रोजेक्ट के लिए 40 करोड़ की राशि स्वीकृति की गई। 

मौजूदा ट्रैक पर बरकरार रहेगी रेल सेवाः गोमो में मौजूदा पटरी के साथ-साथ ओवरब्रिज से भी ट्रेनों का परिचालन होगा। इस पर चलने वाली टे्रनें मतारी से तेलो की ओर मुड़ जाएंगी। डाउन में गया की ओर से आनेवाली ट्रेनों का भी सुगमता से तेलो की ओर मुड़ जाएंगी।

धनबाद-न्यू गिरिडीह नई रेललाइन को बजट में जगह नहींः : धनबाद से न्यू गिरिडीह के बीच प्रस्तावित 70.70 किमी नई रेललाइन को बजट में स्वीकृति नहीं मिली है। लगभग 1700 करोड़ की परियोजना पर धनबाद और गिरिडीह की नजरें टिकी थी। संभावना जताई गई थी कि इस वर्ष से काम शुरू होगा। पर बजट में शामिल नहीं होने से उम्मीदों पर पानी फिर गया है। 


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