साइबर अपराधियों ने निरसा में PNB के ATM से 2.50 लाख रुपये उड़ाए, सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई तस्वीर Dhanbad News
पीएनबी की निरसा शाखा में लगी ATM के डिस्पेंसर से लगभग करीब 2.50 लाख रुपये की निकासी सुबह 8.45 से 10 बजे के बीच हुई। यह निकासी ATM कार्ड से न होकर नेट बैंकिंग के माध्यम से हुई।
निरसा, जेएनएन। साइबर अपराधी रोज-रोज नई-नई बेजा तकनीक लेकर सामने आ रहे हैं और बैंक खातों में पड़े रुपये उड़ा ले जा रहे हैं। शुक्रवार को निरसा में साइबर अपराध की एक नई तकनीक देखने को मिली। अपराधी Punjab National Bank (PNB) के ATM से करीब 2.50 लाख रुपये ले उड़े। बैंक मैनेजर सीसीटीवी फुटेज में अपराधियों को अपराध करते देख जब ATM की तरफ दाैड़े तो अपराधी बुलेट पर सवार होकर धनबाद की तरफ भाग निकले। बैंक की शिकायत पर निरसा पुलिस सीसीटीवी फुटेज को देख अपराधियों को तलाश करने में जुट गई है।
साइबर अपराध की नई तकनीक
पीएनबी की निरसा शाखा में लगी ATM के डिस्पेंसर से लगभग करीब 2.50 लाख रुपये की निकासी शुक्रवार सुबह 8.45 से 10 बजे के बीच हुई। यह निकासी ATM कार्ड से न होकर नेट बैंकिंग के माध्यम से हुई। लगातार नेट बैंकिंग के माध्यम से हो रही निकासी की सूचना मुंबई से पीएनबी की निरसा शाखा के प्रबंधक को दी गई। उन्होंने ऑफिस पहुंचकर सीसीटीवी देखा तो एक अपराधी एटीएम से पैसा निकाल रहा था। अपराधी को पकड़ने के लिए एटीएम की तरफ सुरक्षा गार्ड को दाैड़ाया और खुद भी दाैड़े। एटीएम तक जैसे ही पहुंचे कि अपराधी निकल कर आगे बढ़ गया। थोड़ी दूर पर एक अपराधी बुलेट लेकर खड़ा था। अपराधी बुलेट पर सवार होकर धनबाद की तरफ भाग निकले। अपराधी जिस रंग के टीशर्ट पहने हुए थे उसी रंग का टीशर्ट पहने हुए एक व्यक्ति शहरपुरा में मिला। उसे ग्रामीणों और बैंक कर्मियों ने पकड़ लिया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम जय देव मंडल है। वह भुरकुंडा का रहने वाला है। वह खुद को निर्दोष बता रहा है। पुलिस संदेह के आधार पर उससे पूछताछ कर रही है।
सीसीटीवी फुटेज में अपराधियों की तलाश
बैंक प्रबंधक कुमार जेठवा ने घटना के बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पहुंचकर मामले की छानबीन शुरू की। सीसीटीवी फुटेज को देख अपराधियों की तलाश शुरू की। सीसीटीवी फुटेज में अपराधी का चेहरा साफ नहीं दिख रहा है। मुंह पर मास्क लगाया है। पहचान के लिए मुंबई ऑफिस से फुटेज मंगाया गया है। एटीएम के ऊपर एक कैमरा लगा रहता है। जिस कैमरे में निकासी करने वाला का चेहरा कैद होता है। वह फुटेज प्राप्त होने के बाद अपराधियों तक पहुंचने में पुलिस को सहूलियत होगी।