Cybercrime Hub Jamtara: बैंक खाते से पैसा उड़ाने में किराए के 'हथियार' का हो रहा इस्तेमाल, पकड़े जाने पर भी बच निकलते अपराधी
Cybercrime Hub Jamtara जामताड़ा के साइबर क्राइम नई नई तकनीक के साथ सामने आ रहे हैं। पुलिस जैसे ही नई तकनीक का तोड़ निकालती है साइबर अपराधी उससे आगे निकल जाते हैं।
जामताड़ा, जेएनएन। Cybercrime Hub Jamtara ऑनलाइन साइबर ठगी की राशि खपाने के लिए साइबर अपराधी दूसरे का बैंक खाता और एटीएम कार्ड किराये पर लेकर उपयोग कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक इस काम में दिल्ली से झारखंड व पश्चिम बंगाल का एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है। तीन दिन से दिल्ली बेगमपुर थाना की पुलिस जामताड़ा से लेकर बंगाल के जिलों में इस रैकेट में शामिल लोगों को ढूंढने में लगी है। इस रैकेट के अहम सूत्रधार इकबाल रसीद को मंगलवार को जामताड़ा के चेंगाइडीह से गिरफ्तार किया गया था। बुधवार को करमाटांड़ से उसका एक सहयोगी धरा गया। हालांकि, साक्ष्य के अभाव में उसे छोड़ दिया गया। यह टीम बंगाल में गुपचुप ऑपरेशन चला रही है। वहीं जामताड़ा से गिरफ्तार नसीम व इकबाल को लेकर दिल्ली पुलिस शाम में निकल गई।
पुलिस के मुताबिक हफ्तेभर पहले चेंगाइडीह निवासी नसीम अंसारी को दिल्ली स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था। उसे ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया ताकि झारखंड, बंगाल, दिल्ली आदि राज्यों में फैले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा सके। उसकी निशानेदही पर मंगलवार को जामताड़ा थाना के इंस्पेक्टर सह प्रभारी मनोज कुमार के सहयोग से चेंगाइडीह निवासी इकबाल रसीद को गिरफ्तार किया गया। नसीम दिल्ली में बेगमपुर थाने में दर्ज ऑनलाइन ठगी के मामले में पकड़ा गया था। हालांकि, स्थानीय पुलिस को पता नहीं था कि वह जामताड़ा से कई राज्यों में साइबर अपराधियों का रैकेट चला रहा है। उसके पास डेढ़ दर्जन से अधिक एटीएम कार्ड मिले। ये एटीएम कार्ड उसने दिल्ली व आसपास के लोगों से किराये पर ले रखा था। इसके लिए प्रत्येक कार्ड होल्डर को प्रति माह पांच से दस हजार रुपये मिलते थे।
जानकारी के मुताबिक नसीम दिल्ली सहित आसपास, इकबाल जामताड़ा सहित राज्य के लोगों को झांसे में लेकर बैैंक खाता खुलवाता था। इसके बाद बैैंक से मिले एटीएम कार्ड को किराये पर लेता था। इसे दिल्ली के सहयोगियों को मुहैया कराता था। दिल्ली पुलिस को बंगाल के कई अपराधियों की भी जानकारी मिली थी। बुधवार को टीम बंगाल गई थी। नसीम के खिलाफ जामताड़ा साइबर थाने में वर्ष 2019 में व इकबाल के खिलाफ वर्ष 2018 में मामला दर्ज किया गया था। डीएसपी सुमित कुमार व इंस्पेक्टर सुनील चौधरी ने दोनों को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जमानत पर निकल कर उसने फिर ठगी की राह पकड़ ली थी। चार साल में इन लोगों ने लाखों की संपत्ति खड़ी कर ली है।