Jamtara Hotbed of Cyber Crime: बच्चों को शातिर ठग बना रहे साइबर अपराधी, यह है इस नए ट्रेंड के पीछे की कहानी
Jamtara Hotbed of Cyber Crime पुलिस को इस बच्चे ने अपने सरगना समेत कई अन्य बच्चों की भी जानकारी दी है। जो साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बच्चों को उनके पिता भी साइबर ठगी में धकेल रहे हैं।
जामताड़ा [ प्रमोद चौधरी ]। Jamtara Hotbed of Cyber Crime देश में जामताड़ा का नाम साइबर ठगी के लिए कुख्यात हो चुका है। रोज ठगी के नये नये तरीके यहां के अपराधी ईजाद कर लेते हैं। अब इन ठगों ने बच्चों को हथियार बनाया है। पुलिस से बचने के लिए ये बच्चों को ठगी में ट्रेंड कर इस दलदल में धकेल रहे हैं। सोच यह कि बच्चे पकड़े जाएंगे तो बाल सुधार गृह जाएंगे। कुछ महीनों में ही मुक्त हो जाएंगे। यह खुलासा तब हुआ जब इसी माह 11 नवंबर को नारायणपुर से एक किशोर को पुलिस ने साइबर ठगी के आरोप में गिरफ़तार किया। पुलिस को पूछताछ में पता चला कि ऐसे और भी बच्चे हैं जो ठगी को अंजाम दे रहे हैं। हैरतअंगेज बात ये कि बच्चों के माता पिता को भी इसकी जानकारी है, बावजूद वे पैसे के लालच में अपने घर के चिराग को इस काम से मना नहीं करते। बच्चों को ठगी का करीब 40 फीसद हिस्सा ठग बतौर मेहनताना मुहैया कराते हैं।
ऐसे हुआ खुलासा
जामताड़ा का नारायणपुर व करमाटांड़ साइबर अपराध प्रमुख गढ़ के रूप में शुमार है। नारायणपुर थाने का प्रभारी प्रशिक्षु आइपीएस शुभांशु जैन व करमाटांड़ का हरविंद सिंह के पास है। हाल में ही नारायणपुर में बच्चों द्वारा साइबर ठगी करने की सूचना आइपीएस शुभांशु को मिली थी। उन्होंने पुलिस अधिकारी अजीत कुमार व पंकज कुमार के साथ छापेमारी कर नारायणपुर के एक गांव से एक 15 वर्षीय किशोर को पकड़ा। पुलिस को उसने बताया कि गिरोह का सरगना उड़ाई गई राशि में चालीस प्रतिशत हिस्सा उसे देता है। वह मोबाइल से खाताधारक को झांसा देकर फंसाता है। उसके अकाउंट से रकम उड़ाकर उसे बताए गए एक ई-वॉलेट में डाल देता है। इस काम में अब वह दक्ष हो चुका है। किशोर के पास से जब्त मोबाइल में जनवरी से अब तक 1500 कॉल विभिन्न राज्यों में किए जाने का साक्ष्य भी पुलिस को मिला है।
सूरत से लौटकर ठगी में रम गया
पकड़े गए किशोर ने बताया कि वह सूरत में काम करता था। लॉकडाउन के कुछ महीने पहले घर आया था। अब तक चालीस हजार रुपये से अधिक की ठगी की है। अभी उसने छोटी - छोटी राशि ही उड़ाई है। ताकि काम में महारत हासिल हो सके। पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे दुमका बाल सुधार गृह भेज दिया। पुलिस उस सरगना की तलाश में है जो उसे इस धंधे में लाया। पुलिस को उम्मीद है कि उसके पकड़ में आने पर ऐसे कई और बच्चों की जानकारी मिलेगी।
कई बच्चे कर रहे साइबर ठगी
पुलिस को इस बच्चे ने अपने सरगना समेत कई अन्य बच्चों की भी जानकारी दी है। जो साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बच्चों को उनके पिता भी साइबर ठगी में धकेल रहे हैं। हाल में मोहनपुर के एक साइबर अपराधी को दबोचने पुलिस गई और अपराधी को उसका सहयोगी बनकर फोन से बुलाया। जब वह सामने आया तो पुलिस उसके साथ नाबालिग को देखकर चौंक पड़ी। वह अपने बच्चे को बाइक में लाया था। इस मामले में पिता को पुलिस ने पकड़ कर जेल भेज दिया। हालांकि उसके बच्चे को कम उम्र देखकर मुक्त कर दिया था। उस बच्चे ने खुलासा किया था कि वह लड़की की आवाज में खाताधारक को फोन कर आसानी से विश्वास में लेता है। फिर खाते के गोपनीय नंबर लेकर ठगी में मदद करता है।
गिरोह के अपराधी अब बच्चों का ऑनलाइन ठगी में उपयोग कर रहे हैं। इसके पीछे उनकी मंशा सेफ जोन की रहती है। क्योंकि बच्चों को ज्यादा सजा नहीं मिलेगी और वे खुद अपराध करवाकर बचे रहेंगे। उनकी यह मंशा पूरी नहीं होगी। कानून का गलत फायदा उठाने वाले तत्वों का ठगी का साम्राज्य देर तक नहीं टिकेगा। सारे बच्चे व बड़े जल्द पकड़े जाएंगे।
-शुभांशु जैन, प्रशिक्षु आइपीएस सह थाना प्रभारी, नारायणपुर।