बिना संस्कार सहकार नहीं, बिना सहकार उद्धार नहीं
धनबाद बिना संस्कार सहकार नहीं बिना सहकार उद्धार नहीं मूल मंत्र के साथ सहकार भारती का प्रदेश अभ्यास वर्ग शनिवार को राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर अशोक नगर में शुरू हुआ।
धनबाद : बिना संस्कार सहकार नहीं, बिना सहकार उद्धार नहीं मूल मंत्र के साथ सहकार भारती का प्रदेश अभ्यास वर्ग शनिवार को राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर अशोक नगर में शुरू हुआ। अभ्यास वर्ग में झारखण्ड के हर जिले के पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल हुए।
दो दिवसीय एवं छ: सत्र में संम्पन्न होने वाले प्रदेश अभ्यास वर्ग का उद्घाटन महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर सहकार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय पांचपोर, सह संगठन प्रमुख कनकोडी पद्मनाभ, धनबाद को ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष सुरेश चौधरी, सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष केशव कुमार हड़ोदिया, धनबाद जि़ला मंत्री भारत भूषण मौजूद थे।
दो दिवसीय अभ्यास वर्ग में झारखण्ड में सहकारिता एवं सहकार भारती की स्थिति, सहकारी समितियों की कार्य समीक्षा एवं फार्मिंग एंड ट्रेनिंग पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
परिचय व भूमिका प्रस्तुत करते हुए डॉ. अमरेन्द्र पाठक ने कहा कि मनुष्य जन्म से मृत्यु तक 18 अध्याय से जुड़े सहकारिता पर ही आश्रित है। सहकारिता देश की रीढ़ है। इसलिए झारखण्ड में सहकारिता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने कहा कि स्वयं सहायता भी सहकारिता ही है। धनबाद नगर निगम क्षेत्र में आम लोगो खासकर महिलाओं को विशेष रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए व उन्हें प्रशिक्षित करने हेतु काम करूंगा। बिल्कुल अत्याधुनिक उपकरणों के सहयोग से उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने के लिए कोशिश करूंगा।
धनबाद को ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष सुरेश चौधरी ने कहा कि देश मे 65 प्रतिशत लोग किसान हैं, लेकिन उनकी हालत अच्छी नहीं। वैसी हालत में उनके लिए सहकार भारती जो कार्य कर रही है वह प्रशसनीय है। अब धनबाद को ऑपरेटिव बैंक भी सहकार भारती के साथ मिलकर कार्य करेगी।
मुख्य वक्ता कोंनकोड़ी पद्मनाभ ने कहा कि आम लोगों के सहयोग से ही सहकारिता संभव है। झारखंड में इसकी अपार संभावनाएं हैं। झारखंड की आर्थिक स्थिति को सुधारना हमारा प्राथमिकता है। निकट भविष्य में धनबाद को रोल मॉडल के रूप में देखना चाहूंगा। महापौर व धनबाद को ऑपरेटिव बैंक का सहयोग चाहिए।
धन्यवाद ज्ञापन केशव कुमार हड़ोदिया ने किया व मंच संचालन दीपक रुइया ने किया। राजकमल विद्यालय के अध्यक्ष शकर दयाल बुधिया, महेन्द्र अग्रवाल, धनंजय सिंह, सुशील तिवारी आदि थे।