भागवत कथा सुनने से गोविद व राधा रानी के चरणों में मिलता है वास
धनबाद न्यू कार्मिक नगर स्थित बीसीसीएल क्वाटर के समक्ष शिव शक्ति महावीर मंदिर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा रविवार को कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा मंदिर परिसर से सुबह नौ बजे से निकाली गई। इसमें 151 युवतियां व महिलाएं अपने सिर पर कलश रखकर चल रहीं थीं।
धनबाद : न्यू कार्मिक नगर स्थित बीसीसीएल क्वाटर के समक्ष शिव शक्ति महावीर मंदिर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा रविवार को कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा मंदिर परिसर से सुबह नौ बजे से निकाली गई। इसमें 151 युवतियां व महिलाएं अपने सिर पर कलश रखकर चल रहीं थीं। कलश शोभायात्रा मंदिर परिसर से शुरू होकर आसपास के विभिन्न जगहों का भ्रमण करते हुए भेलाटांड़ तालाब पहुंची। जहां युवतियां व महिलाएं कलश में तालाब का जल भरकर वापस मंदिर परिसर पहुंची। इसके बाद विधि विधान से शिव शक्ति महावीर मंदिर की पूजा अर्चना की गई। बता दें कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अप्रैल में होना तय था। लेकिन स्थानीय लोगों के सहयोग से इस वक्त मंदिर परिसर में ही श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। दोपहर करीब दो बजे गोधर से आए पुजारी सह कथा वाचक सुरेंद्र हरिदास जी महाराज ने पूजा-अर्चना की। कथा के प्रथम दिन कथा वाचक सुरेंद्र हरिदास जी महाराज ने धनकारी बाबा के बारे में बताया कि धनकारी एक दुष्ट व पापी व्यक्ति थे। जिनके कर्मो से सभी परेशान थे। उन्हें उनके घर में जलाकर गाड़ दिया गया था। उनकी आत्मा की शांति के लिए उनके भाई गोखन ने सबसे पहले भगवत कथा कराई थी। तब जाकर धनकारी की आत्मा को शांति मिली। बताया गया कि कोई भी व्यक्ति भगवत कथा सुनता है तो निश्चित रूप से गोविद व राधा रानी के चरणों में वास मिलता है। कथा के दूसरे दिन महाभारत की कथा बताई जाएगी।
कथा में मुख्य यजमान मुकेश कुमार सिंह व उनकी धर्मपत्नी अनिता सिंह, वाराणसी चौरसिया व उनकी धर्मपत्नी लीलावती देवी, शंभू नाथ महतो व उनकी धर्मपत्नी गीता देवी थीं। मौके पर तुलसी तुरी, मुकेश सिंह, प्रमोद शर्मा, बीरबल लाल, संजय कुमार, रामा राम, बनिया राम, हीरा पासवान, श्यामल तुरी, अजीत सिंह आदि मौजूद थे।