फिल्म 2.0 की कहानी का धनबाद में दिख रहा असर, अचानक होने लगी कौओं की मौत
फिल्म 2.0 में मोबाइल टावर और नेटवर्क के कारण पक्षियों को होनेवाले नुकसान को गंभीरता से दिखाया गया, लेकिन शायद ही किसी ने इससे कोई सबक लिया।
जागरण संवाददाता, धनबाद: कहते हैं, फिल्में समाज का आईना होती हैं। जो कुछ हमारे बीच हो रहा है, उन मुद़दों की अक्स फिल्मों में नजर आ ही जाती है। कई बार ये आगाह भी करती हैं। मसलन रजनीकांत और अक्षय कुमार की फिल्म 2.0 में मोबाइल टावर और नेटवर्क के कारण पक्षियों को होनेवाले नुकसान को गंभीरता से दिखाया गया, लेकिन शायद ही किसी ने इससे कोई सबक लिया। अब पक्षियों की मौत का इसी तरह का एक मामला धनबाद में सामने आया है।
रेलवे ऑफिसर्स कॉलोनी में एकाएक कौए मरने लगे हैं। पहले तो इसे आम घटना माना गया, पर पिछले लगभग 15 दिनों से अधिकारियों के बागीचे और आसपास कौओं के मृत पाए जाने की घटना ने चौंका दिया है। स्थानीय रेलकर्मी व आसपास रहने वालों के अनुसार, सुबह टहलने के दौरान कई दिनों से उन्हें मृत कौए दिख रहे हैं। गुरुवार की सुबह भी मरा हुआ कौआ पाया गया, जिसके मुंह से तरल पदार्थ भी गिरा हुआ था। घटना को लेकर कई आशंका जताई जा रही है। कुछ लोग जहां बर्ड फ्लू की संभावना जता रहे हैं, वहीं जानकारों का मानना है कि कीटनाशक खाकर मरने वाले चूहे का शिकार करने वाले कौए खुद मौत का शिकार हो रहे हैं। हालांकि मामला अत्यंत गंभीर है और विस्तृत जांच की दरकार है। एक्सपर्ट का कहना है कि मृत कौए का बिसरा जांच के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए।
एक्सपर्ट की राय
- कौओं के घटने का एक कारण फूड चेन में बायोमैग्नीफिकेशन है। चूहों को मारने के लिए कीटनाशकों का उपयोग हो रहा है। कौआ उन मृत चूहों को खा रहे हैं। अगर एक कौआ चार चूहे खा रहे है तो उनके शरीर में ड्रग्स की मात्रा चार गुणा बढ़ रही है। इससे मैग्नीशियम सल्फेट, जिंक सल्फेट जैसी जहरीली चीजों से हृदयगति रुकने से उनकी मौत होने की संभावना है।
- कौआ के मरने का दूसरा कारण मोबाइल टावर भी हो सकते हैं। इससे नेविगेशन सिस्टम प्रभावित होता है, जिससे उनकी मौत हो सकती है।
"कौओं के मरने का प्रभाव मनुष्य पर भी पड़ेगा। साग-सब्जियों के माध्यम से कौए का जहर पहुंच जाएगा।"
- डॉ. बीके सिन्हा, पीके राय कॉलेज के प्राचार्य