टुंडी में पिता ने कुल्हाड़ी से काटा बेटे का पैर, पीया खून
धनबाद/टुंडी धनबाद जिले के नक्सल प्रभावित मनियाडीह थाना क्षेत्र में पहाड़ के ऊपर बसे भेलवाबेड़ा गाव में दिल दहलाने वाली घटना घटी है।
धनबाद/टुंडी : धनबाद जिले के नक्सल प्रभावित मनियाडीह थाना क्षेत्र में पहाड़ के ऊपर बसे भेलवाबेड़ा गाव में दिल दहलाने वाली घटना घटी है। यहां रहनेवाले कैलाश सोरेन ने बेटे राजेश सोरेन (32 वर्ष) पर लगातार लग रहे चोरी के आरोपों से आक्रोशित होकर उसका दाहिना पैर कुल्हाड़ी से काट दिया। इसके बाद कटे पैर का खून भी पीया। घटना के बाद बेटे को घर में ही कैद रखकर खुद उसका इलाज करता रहा। घटना छह नवंबर यानी बुधवार शाम पांच बजे की है। तीसरे दिन आठ नवंबर शुक्रवार को राजेश की पत्नी अनिता ने किसी तरह पुलिस को घटना की सूचना दी, तब जाकर मामला प्रकाश में आया। इसके बाद पुलिस ने जख्मी राजेश को गांव से लाकर गंभीर हालत में पीएमसीएच में भर्ती कराया।
मंगलवार को हुई खस्सी चोरी, बुधवार को काटा पैर : गांव में होनेवाली चोरी की घटना का आरोप राजेश पर लगने के पिता नाराज थे। कुछ दिन पूर्व बकरी, दरवाजा व अन्य सामान की चोरी के कारण गाव में पंचायत भी की गई थी। इसमें पिता को जुर्माना भरना पड़ा था। मंगलवार को बेटे पर फिर खस्सी चोरी का आरोप लगा था। इस पर बुधवार को पिता ने राजेश को डांट-फटकार लगायी। तब राजेश काफी नशे में था। पिता की फटकार से वह काफी उग्र हो गया। इसके बाद वह तुरंत तेजधार हथियार के साथ लेकर निकला और पिता एवं मा पर हमला करने के लिए दौड़ा। बेटे का उग्र रूप देख कर पिता और मां कमरे में बंद हो गए। राजेश उन्हें मारने पर उतारू था। किसी तरह पिता कैलाश बाहर निकले और गांव वालों को सूचना दी। इसके बाद गांव वाले ने राजेश को पकड़ लिया और पिता ने उसका पैर काट दिया।
पिता ने खुद लगायी सूई, करता रहा इलाज : पीएमसीएच में भर्ती राजेश व उसकी पत्नी अनिता ने बताया कि गांव के आठ-दस लोगों की मदद से पिता ने पैर काट दिया। इसके बाद उसे घर में रखा। कैलाश सोरेन व गांव वाले बाहर जाकर पुलिस में सूचना नहीं देने दे रहे थे। शुक्रवार को अनिता ने किसी तरह मनियाडीह पुलिस को जाकर सूचना दी। इसके बाद पुलिस हरकत में आयी। पुलिस को कुल्हाड़ी और कटा पैर नहीं मिला है। राजेश ने बताया कि पिता गांव में लोगों का इलाज भी करता है, इसलिए घर में सूई व दवा देने का काम खुद कर रहा था।
गांव जाने के लिए पगडंडी : भेलवाबेड़ा गांव जाने के लिए एकमात्र छोटी पगडंडी है। ऐसे में पुलिस ने खाट से जख्मी को गांव से बाहर निकाला। फिर उसे वाहन से पीएमसीएच पहुंचाया। मनियाडीह पुलिस एवं सीआरपीएफ की लगभग 100 एसपीओ रहने के बाद भी तीन दिनों तक भी घटना की सूचना पुलिस तक नहीं मिल पाई। यह नक्सली इलाके में पुलिस चौकसी पर भी सवाल उठा रही है। गृहस्थी में साथ नहीं देने पर पिता थे नाराज : जख्मी
राजेश सोरेन ने चोरी की बात से इंकार किया है। कहा कि पिता गृहस्थी में साथ देने को बोल रहे थे, जबकि वह खेती-बारी की जगह बाहर मजदूरी करता था। दो माह नागपुर में था। इसी दुर्गापूजा में लौटा था। पैसे नहीं देने पर पिता नाराज थे। बार-बार पैर काटने की धमकी देते थे। पत्नी व बच्चे बार-बार मदद मांगते रहे, लेकिन गांव वालों ने भी साथ नहीं दिया। पति राजेश व पत्नी अनिता ने चोरी की बात को बेबुनियाद बताया। नक्सली कनेक्शन की भी चर्चा : घटना के पीछे नक्सली कनेक्शन की भी चर्चा है। दबी जुबान से कहा जा रहा है कि नक्सलियों के इशारे पर घटना को अंजाम दिया गया। हालांकि इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहा है। राजेश का पैर काटने की घटना में उसके पिता कैलाश सोरेन सहित और कई लोगों के नाम आए हैं। शनिवार को घायल युवक का फर्द बयान लिया जायेगा। दोषियों को बख्शा नही जाएगा।
किशोर तिर्की, इंस्पेक्टर, मनियाडीह