आइआइटी आइएसएम का जेआरएफ छात्र निकला कोरोना पॉजेटिव
आइआइटी आइएसएम का एक जेआरएफ छात्र कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। जांच के बाद उसे सेंटर में चिकित्सकों की देख रेख में कुलसचिव के बंगले में रखा गया है।
जेएनएन, धनबाद : आइआइटी आइएसएम का एक जेआरएफ छात्र कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। जांच के बाद उसे सेंटर में चिकित्सकों की देख रेख में कुलसचिव के बंगले में रखा गया है। कुलसचिव के आवास को कोविड सेंटर बनाया गया है। वहीं कोविड जांच के बाद संस्थान पहुंचने वाले छात्र-छात्राओं को सात दिनों के आइसोलेशन में रखा गया है। हालांकि कुछ छात्रों का संस्थान आना बाकी है। वहीं काफी संख्या में ऐसे छात्र-छात्राएं हैं जिन्होंने छात्रावास नहीं लिया है और कैंपस में बाहर रहते हैं। कक्षा शुरू होने के दौरान कैंपस में प्रवेश करने पर उनकी भी जांच की जाएगी। दरअसल पीएचडी जेआरएफ छात्रों की कक्षा शुरू करने को लेकर आइएसएम के निदेशक ने उपयुक्त से अनुमति मांगी गई थी। जिस पर विचार करते हुए उपायुक्त ने आइआइटी आइएसएम प्रबंधन को कोविड-19 के फैलाव के रोकथाम एवं बचाव के लिए जारी एसओपी का पालन करने की शर्त पर छात्रों के अध्ययन के लिए अनुमति प्रदान की। संस्थान ने उपायुक्त को लिखे आवेदन में कुल 278 पीएचडी प्रोजेक्ट जेआरएफ छात्रों को नवंबर माह से अध्ययन करने की अनुमति मांगी थी। अनुमति मिलने के बाद छात्रों संस्थान पहुंच गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से इंसिडेंट कमांडर सह अंचल अधिकारी प्रशांत कुमार लायक संस्थान से समन्वय स्थापित करते हुए उपरोक्त आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। वहीं अनुमंडल पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार को वरीय पदाधिकारी के रूप में नामित किया गया है।
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एक कमरे में रहेंगे एक छात्र
नवंबर के अंतिम सप्ताह से जेआरएफ छात्रों की कक्षाएं शुरू हो जाएगी। लगभग सभी छात्र-छात्राएं संस्थान पहुंच चुके हैं। जैस्पर छात्रावास में जेआरएफ छात्रों को रखने की व्यवस्था की गई है वहीं रोजालिन छात्रावास में छात्राओं के रहने की व्यवस्था की गई है। संस्थान की ओर से आदेश जारी किया गया है कि एक कमरे में एक ही छात्र रहेंगे। जैस्पर में 80 कमरों को सैनिटाइजेशन के बाद तैयार किया गया है वहीं रोजालिन के दो और तीन मंजिला पर 40 कमरों को छात्राओं के लिए तैयार किया गया है।
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इस शर्त पर मिली है अनुमति
- संस्थान के सभी छात्रों का ट्रू-नेट या आरटी पीसीआर के माध्यम से कोविड-19 टेस्ट सुनिश्चित करना होगा।
- संस्थान को झारखंड सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार आइसोलेशन सेंटर एवं कोरेंटिन सेंटर की स्थापना सुनिश्चित करनी होगी।
- कोरोना संक्रमित छात्रों को तत्काल आइसोलेशन सेंटर में भर्ती करना एवं आइसीएमआर, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित लाइन ऑफ ट्रीटमेंट के अंतर्गत उपचार सुनिश्चित करना होगा।
- संस्थान को पीपीई किट एवं जांच किट भारत सरकार एवं झारखंड सरकार द्वारा निर्गत बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के अनुरूप वेस्ट डिस्पोजल सुनिश्चित करना होगा।
- संस्थान को शिक्षा मंत्रालय द्वारा सात नवंबर 2020 को निर्गत विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए दिशानिर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।