स्वच्छता, सकारात्मक सोच व सादगी के कारण साहूबहियार गांव तक नहीं पहुंचा कोरोना
तोपचांची मदयडीह पंचायत के ब्राह्माण बाहुल गांव साहूबहियार के ग्रामीणों की स्वच्छता सकारात्मक सोच तथा उनकी सादगी भरी जीवनशैली के कारण कोरोना जैसी महामारी आज तक इस गांव के लोगों को छू भी नहीं पाई है।
संवाद सहयोगी, तोपचांची : मदयडीह पंचायत के ब्राह्माण बाहुल गांव साहूबहियार के ग्रामीणों की स्वच्छता, सकारात्मक सोच तथा उनकी सादगी भरी जीवनशैली के कारण कोरोना जैसी महामारी आज तक इस गांव के लोगों को छू भी नहीं पाई है। उक्त गांव में ब्राह्माण समाज के 130 परिवार के करीब पांच सौ लोग रहते हैं। यहां निवास करने वाले लोग वर्षो से स्वच्छता तथा सकारात्मक सोच को अपनाएं हुए हैं। इसके कारण आज तक कोई भी ग्रामीण यहां कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है। समाजसेवी सह गांव के निवासी रणवीर चौबे ने बताया कि हमलोग वर्षों से स्वच्छता को विशेष महत्व देते आ रहे हैं। सुबह जल्दी उठकर स्नान करना और उसके बाद पूजा पाठ करना हमारा जीवनशैली है। यही कारण है हम सभी आज उक्त बीमारी से कोसों दूर हैं। कोरोना काल में बदल गई गांव की तस्वीर :
कोरोना काल के पूर्व गांव के चौपाल पर सुबह शाम लोगों की भीड़ लगती थी, लेकिन पहली लहर को देखते हुए ग्रामीणों ने सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए शारीरिक दूरी का पालन करना शुरू कर दिया। जरूरत पड़ने पर ही जाते हैं गांव से बाहर : गांव की सड़कें हमेशा सुनसान रहती हैं, क्योंकि यहां के ग्रामीण आवश्यक कार्य होने पर ही अपने घर से बाहर निकलते हैं। जरुरत की चीजें गांव की दुकानों से खरीदते हैं। विशेष खरीदारी करने के लिए घर का कोई एक सदस्य बाजार जाता हैं वह जब घर लौटते है तो स्नान करके ही घर में प्रवेश करता है। बाहरी लोगों का गांव में प्रवेश नहीं हो, इसको लेकर ग्रामीण लगातार निगरानी करते हैं तथा अनजान लोगों के गांव में आने पर उनसे पूछताछ कर कोरोना के नियमों का पालन करवाकर ही गांव में प्रवेश करने देते हैं। गांव के सभी लोग मास्क का उपयोग करते हैं। कई लोगों ने वैक्सीन भी लगवा लिया है तथा सभी लोग टीका लगवाने को तैयार हैं। यहां के लोगों का मानना है कि टीकाकरण फायदेमंद है और सभी को टीका लगवाना चाहिए।