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India Lockdown: पांच लाख दिहाड़ी मजदूरों पर संकट, सरकार से राहत का इंतजार

लॉकडाउन में मजदूरों को दिक्कत न हो इसको लेकर जहां उप्र और दिल्ली सरकार ने क्रमश 1000 और 5000 रुपये देने का फैसला लिया है तो झारखंड प्रदेश सरकार इस बाबत चुप्पी साधे हुए है।

By Edited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 02:30 AM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 01:49 PM (IST)
India Lockdown: पांच लाख दिहाड़ी मजदूरों पर संकट, सरकार से राहत का इंतजार
India Lockdown: पांच लाख दिहाड़ी मजदूरों पर संकट, सरकार से राहत का इंतजार

धनबाद [ आशीष अंबष्ट ]। कोरोना वायरस से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन में धनबाद में 5 लाख दिहाड़ी मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा है। क्योंकि इनमें तमाम ऐसे परिवार भी है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं  है। लिहाजा, इन्हें राहत देने का बीड़ा श्रम विभाग ने उठाया है। अधिकारियों ने प्रस्ताव बनाया है कि निर्माण मजदूरों को एक वक्त का भोजन मुहैया कराया जाए। इसके अलाव सरकारी संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों के भुगतान के लिए भी श्रम विभाग ने पहल शुरू कर दी है। जबकि गैर सरकारी संस्थानों में भुगतान कैसे हो इसको लेकर सरकार से दिशा निर्देश का इंतजार कर रही है।

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प्रदेश सरकार ने नहीं किया कोई ऐलान

लॉकडाउन में मजदूरों को दिक्कत न हो इसको लेकर जहां उप्र और दिल्ली सरकार ने क्रमश: 1000 और 5000 रुपये देने का फैसला लिया है, तो प्रदेश सरकार इस बाबत चुप्पी साधे हुए है। जबकि औद्योगिक क्षेत्र होने के नाते यहां मजदूरों की संख्या तीन लाख से ऊपर है जो दैनिक मजदूरी में लगे हैं आंकड़े के अनुसार जिले के छोटे-बड़े उद्योग बंद है। निर्माण कार्य में झारखंड में कुल 885898 पंजीकृत श्रम विभाग में है। धनबाद में महिला 389240 व 30254 पुरुष कामगार शामिल हैं जो निर्माण कार्य से जुड़े हैं। वैसे इसकी संख्या एक लाख से अधिक है। हर्ल में भुगतान की तैयारी : श्रम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार फरवरी में दैनिक मजदूरों के बीच 5.5 करोड़ का भुगतान कराया गया। 21 से 14 अप्रैल के बीच करीब 1.5 करोड़ भुगतान को लेकर श्रम विभाग लगा हुआ है। फिलहाल यहां काम बंद है

हार्ड कोक की संख्या 125- रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 52 हजार मजदूर ।

रिफैक्ट्री 60 - 23 हजार मजदूर यहां भी कार्यरत।

जेवीएनएल की पावर स्टेशन का निर्माण- 3-12 सौ मजदूर यहां भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगे हुए।

हर्ल, एसीसी, डीवीसी, बीसीसीएल, ईसीएल, एमपीएल, सेल सहित अन्य सरकारी संस्थानों को मिलाकर करीब 1.5 लाख मजदूर काम में लगे हुए है।

मनरेगा मजदूरों की लंबी फौज

जिले में मनरेगा मजदूरों की लंबी फौज है। करीब 210983 मनरेगा हाउस होल्ड धनबाद में मजदूरो की संख्या है। जिन्हें साल में सौ दिन का काम मिलता है। इन्हें प्रत्येक दिन काम मिलने पर सरकार ने एक अप्रैल से 194 रूपया तय किया है।

कहां कितना मनरेगा हाउस होल्ड

मजदूर की संख्या : प्रखंड - संख्या

बाघमार - 38972

बलियापुर -14286

धनबाद -3226

ग्यारकुंड -7915

गो¨वदपुर -52323

कलियासोल - 19312

निरसा - 20763

पूर्वी टुंडी -10879

तोपचांची -23277

टुंडी -19985

कुल -210938

निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों को एक टाइम भोजन देने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है। स्वंय सहायता समूह के जरिए भोजन तैयार किया जाएगा। प्रस्ताव पर स्वीकृति मिलते ही इस पर काम किया जाएगा। कोरोना वायरस को लेकर सारे कार्य बंद है।

- उमेश प्रसाद ¨सह, अवर श्रमाआयुक्त, रांची

ठेका मजदूरों को कोरोना वायरस को लेकर काम से बैठने की स्थिति में हर्ल को भुगतान करने के लिए दबाव दिया गया है। भुगतान करना पड़ेगा। इसके लिए पत्रचारा भी किया जा रहा है।

- राकेश सिन्हा, सहायक श्रमायुक्त धनबाद


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