डुमरी में ठहरे बाहरी मजदूरों से छिनतई, लॉकडाउन में सिखों ने दी शरण
डुमरी/जामाडोबा डुमरी तीन नंबर में दिल्ली की इंडियन जिओ टेक्निकल सर्विस कंपनी में कार्य करनेवाले चार मजदूर पिछले दिनों डुमरी तीन नंबर पहुंचकर तंबू में रह रहे थे। सभी मजदूर बोरिग करते हैं।
डुमरी/जामाडोबा : डुमरी तीन नंबर में दिल्ली की इंडियन जिओ टेक्निकल सर्विस कंपनी में कार्य करनेवाले चार मजदूर पिछले दिनों डुमरी तीन नंबर पहुंचकर तंबू में रह रहे थे। सभी मजदूर बोरिग करते हैं। 25 मार्च की देर रात अपराधियों ने रिवाल्वर की नोंक पर तंबू में ठहरे मजदूरों से रुपये, मोबाइल आदि सामान लूट लिया। विरोध करने पर मजदूरों के साथ मारपीट कर जख्मी कर दिया। पड़ोस में रहनेवाले सिख वेलफेयर सोसायटी के सचिव सतपाल सिंह उर्फ बिट्टू ने जख्मी मजदूरों को चासनाला अस्पताल में इलाज की पहल की। गुरुद्वारा के पास शरण दिलवाई। सिख समाज मजदूरों को खाना भी दे रहे हैं। एक मजदूर ने जोड़ापोखर थाना जाकर आपबीती सुनाई। पुलिस ने कहा कि छानबीन कर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने कहा कि खाने की दिक्कत होगी तो थाना आ जाना। इसके बाद मजदूर डुमरी चला आया। मजदूरों ने कहा कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू व इसके बाद लॉकडाउन से हमलोग यहीं फंसे रह गए। मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों को देखकर मजदूरों की आंखों से आंसू छलक आए। कहा कि बिहार के गोड्डा व बांका में रहते हैं। कहा कि छिनतई के बाद भी रात में अपराधी टेंट में आकर मारपीट कर खर्चा मांगते हैं। गांजा पिलाने को कहते हैं। मना करने पर जान मारने की धमकी देते हैं। मजदूरों कहा कि अब तो इलाज व खाने के भी पैसे नहीं हैं। लॉकडाउन के कारण घर भी नहीं जा सकते हैं। कंपनी से मदद नहीं मिल रही है। कंपनी का सुपरवाइजर अलाउद्दीन कटिहार का रहने वाला है। अभी धनबाद में रहता है। शुरु में खाने की सामग्री के लिए पैसे भेजता था। लॉकडाउन से सुपरवाइजर नहीं आ रहा है। हमलोगों के पास अब मोबाइल भी नहीं है। प्रशासन से सकारात्मक पहल की मांग की है।