देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर का दाग है धनबाद के माथे पर, अब हर आधे घंटे पर चलेगा प्रदूषण के स्तर का पता
शहर के विभिन्न स्थानों पर हवा की गुणवत्ता जांच के लिए वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएएमक्यूएमएस) लगाया जाएगा। इसे लगाने के लिए जगह की तलाश की जा रही है। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने बोर्ड को प्रस्ताव भेज दिया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: शहर के विभिन्न स्थानों पर हवा की गुणवत्ता जांच के लिए वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएएमक्यूएमएस) लगाया जाएगा। इसे लगाने के लिए जगह की तलाश की जा रही है। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने बोर्ड को प्रस्ताव भेज दिया है। स्टेशन पर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। इसके शुरू होते ही शहरवासियों को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) की जानकारी मिल जाएगी। किस क्षेत्र की हवा में कितना जहर घुला है, इसके बारे में जान सकेंगे। इस इंडेक्स के आधार पर झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी आगे की रणनीति बनाएगा।
ऐसे मिलेगा रियल टाइम अपडेट: वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 मिनट के अंतराल में सामान्य वातावरण और कुछ गैसों का रियल टाइम डाटा डिस्प्ले करेगा, जबकि हर आधे घंटे के अंतराल में बाकी के आठ पैरामीटर की स्थिति बताएगा। इसमें सल्फर डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, लेड, कार्बन मोनोऑक्साइड, अमोनिया, हाइड्रोकार्बन यौगिक, रासायनिक ऑक्साइड, बेंजीन, आर्सेेनिक, निकिल आदि शामिल हैं।
वायु प्रदूषित गैसों की असहनीय सीमाएं
प्रदूषित गैस अधिकतम सहनीय सीमा
कार्बन मोनोऑक्साइड 8 घंटे
नाइट्रोजन ऑक्साइड 24 घंटे
सल्फर डाईऑक्साइड 24 घंटे
हाइड्रोकार्बन यौगिक 30 घंटे
रासायनिक ऑक्साइड 1 घंटे
लोगों के जीवन में धुआं घोल रहा जहर: शहर में वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। अभी शहर की आबादी साढ़े चार लाख है। जिला परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2009 से लेकर अक्टूबर 2020 तक तीन लाख 65 हजार गाड़ियां धनबाद की सड़कों पर जहरीला धुआं उड़ा रही हैं। इन वाहनों में प्रज्वलन का कारक होता है जो हवा में मौजूद ऑक्सीजन को नाइट्रोजन में बदल देता है। यही वजह है कि हाईटेक सिस्टम को लगाने का निर्णय लिया है, ताकि समय रहते प्रदूषण पर काबू करने का उपाय ढूंढा जा सके।
प्रदूषित शहरों में धनबाद पहले नंबर पर: जिले में कई ऐसी जगह है जहां पीएम 10 की मात्रा अत्यधिक बढ़ चुकी है। इसमें बैंक मोड़, धनसार, झरिया आदि का इलाका प्रमुख तौर पर शामिल है। पर्यावरण विशेषज्ञ संजय श्रीवास्तव का कहना है कि पीएम 10 को रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं। इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर होता है। पीएम 10 का सामान्य लेवल 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) होना चाहिए, लेकिन जिले में कई जगह यह 300 पार कर चुका है। पिछले कुछ वर्षों में पीएम 10 में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। यहां बता दें कि ग्रीन पीस इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, धनबाद प्रदूषण के लिहाज से देश में पहले नंबर पर है।
बोर्ड से मिल चुकी है सहमति: इस संबंध में झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड केे क्षेत्रीय पदाधिकारी आरएन चौधरी ने बताया कि कंटीन्युअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग सिस्टम लगाने के लिए बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया है। बोर्ड से सहमति मिल चुकी है। अब सिर्फ जगह चिह्नित कर जानकारी देनी है। इसके बाद इसे लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।