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E-pass को विपक्ष की नहीं सरकार के विधायक भी बताने लगे जनविरोधी, गुस्से में कांग्रेस के डॉक्टर साहब

E-pass Jharkhand Jamtara Lockdown News झारखंड में लॉकडाउन के दाैरान अनिवार्य ई-पास व्यवस्था के खिलाफ कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इस व्यवस्था को अव्यवहारिक करार दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इसे रद करने की मांग की है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 10:16 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 10:16 PM (IST)
E-pass को विपक्ष की नहीं सरकार के विधायक भी बताने लगे जनविरोधी, गुस्से में कांग्रेस के डॉक्टर साहब
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. इरफान अंसारी।

जामताड़ा, जेएनएन। E-pass News Jharkhand, Ifran Ansari कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए झारखंड में 22 अप्रैल से लॉकडाउन जारी है। इसे 16 मई की सुबह से और सख्ती के साथ लागू किया जा रहा है। फिलहाल सख्त लॉकडाउन की अवधि 27 मई तक है। इस लॉकडाउन के दाैरान घरों से निकलने के लिए E-pass की व्यवस्था की गई है। यह व्यवस्था आम जनता पर भारी पड़ रही है। एक तो ई-पास निर्गत करने के लिए जो सिस्टम बनाया गया है वह कारगर नहीं है। बार-बार वेबसाइट क्रैश कर जा रहा है। वहीं सब्जी खरीदने के लिए लोगों को ई-पास बनवाना पड़ रहा है। इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार की किरकिरी हो रही है। इस व्यवस्था से प्रतिपक्ष-भाजपा की नाराजगी समझ में आती है। सरकार की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी भी गुस्से में हैं। उन्होंने तो ई-पास व्यवस्था ही बंद करने की मांग कर डाली है। इस मुद्दे पर उन्होंने इंटरनेट मीडिया में अभियान छेड़ दिया है। 

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गुस्से में ट्वीट कर ट्वीट कर रहे इरफान अंसारी

लॉकडाउन के लिए झारखंड में लागू ई-पास व्यवस्था को लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विधायक इरफान अंसारी गुस्से में हैं। इस मुद्दे पर आधा दर्जन से ज्यादा ट्वीट किया है। उनका कहना है कि राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला पूर्णतः जन-विरोधी है और इसे किसी भी प्रकार से सही नहीं ठहराया जा सकता। डा. इरफान अंसारी इस मुद्दे को लेकर अपने नेता आलमगीर आलम से भी बात कर चुके हैं। इस मुद्दे पर वह मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से भी मिलने की तैयाीर में हैं।

गरीबों की रोजी-रोटी हो रही प्रभावित

जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान का कहना है कि ई-पास जारी कर दिये जाने की वजह से हजारों दिहाड़ी मजदूर, प्रतिदिन सब्जी-फल और पत्ते बेचकर जीविका चलाने वाले गरीब प्रभावित हो रहे हैं, सरकार जनहित में कई अच्छे और कड़े कदम उठा रही है, जो सराहनीय भी है, पर ये फैसला जन-हित में नहीं हैं। उन्होंने राज्य सरकार से ई-पास को लेकर फिर से विचार करने की आवश्यकता पर बल दिया है। उनका कहना था कि हाट-बाजारों, सब्जी-विक्रेताओं और मीडियाकर्मियों के लिए ई-पास की अनिवार्यता समाप्त कर देनी चाहिए।

सरकार राहत देने के लिए, परेशान करने को नहीं

डॉ. अंसारी ने ट्वीट कर वीडियो संदेश भी जारी किया है। उन्होंने कहा है कि ई-पास के कारण  लोगों का जन-जीवन प्रभावित हो रहा है, इस व्यवस्था को कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता। उनका यह भी कहना है कि राज्य में हमारी सरकार लोगों को राहत देने के लिए बनी है, और ऐसे में अगर आम जनता ही परेशान होगी, तो यह सही नहीं होगा। इस तरह के फैसले से पुलिसकर्मियों का भी मनोबल बढ़ जाता है, जिसके कारण आम जनता परेशान होती है।

पुलिस पर जनता को प्रताड़ित करने और वसूली का आरोप

अंसारी ने कहा है कि ई-पास की आड़ में पुलिसकर्मी जबरन जुर्माना वसूलने लगते हैं। आज पूरे देश की जनता जागरूक है और सभी लोग स्वेच्छा से घर में रहकर प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं, बेवजह कोई भी सड़क पर नहीं घूम रहा, तो ऐसे हालात में वे चाहेंगे कि सरकार E-pass अविलंब निरस्त कर जनता को राहत देने का काम करें। झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश और भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी ने भी ट्वीट कर ई-पास व्यवस्था की खामियों पर सवाल उठाया है। 


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