कांग्रेसी नेताओं ने तोड़ी शारीरिक दूरी की मर्यादा, फोटो खिंचाने की होड़ में फंसे मंत्री आलमगीर आलम
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने बरहरवा नगर पंचायत में वाहन प्रवेश शुल्क की निविदा डालने को लेकर हुई मारपीट की घटना और ऑडियो वायरल होने का मामले में सफाई भी दी।
धनबाद, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में लागू नियमों का उल्लंघन करने में सत्ता पक्ष भी पीछे नहीं हैं। विपक्षी नेता और भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो के बाद रविवार को राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की प्रेसवार्ता के दौरान शारीरिक दूरी के नियमों की कांग्रेसियों ने धज्जियां उड़ा दी। पाकुड़ से रांची जाने के क्रम में मंत्री आलमगीर धनबाद परिसदन पहुंचे थे। यहां वे पत्रकारों से बातचीत करने लगे। इसी बीच अन्य नेता उनके अगल-बगल बैठ गए। जबकि कई अन्य नेता मंत्री के पीछे सट कर खड़े हो गए। जब तक मंत्री की प्रेसवार्ता चलती रही, तब तक इन नेताओं की मुद्रा जस की तस बनी रही। यहां मौजूद मन्नान मल्लिक, जलेश्वर महतो, मनोज सिंह, शमशेर आलम जैसे नेताओं ने तो मास्क भी नहीं पहना हुआ था।
जनता की सेवा गलत है तो ये गलती करता रहूंगा : मंत्री आलमगीर आलम ने बरहरवा नगर पंचायत में वाहन प्रवेश शुल्क की निविदा डालने को लेकर हुई मारपीट की घटना और ऑडियो वायरल होने का मामले में सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि वे किसी की पैरवी नहीं कर रहे थे। बल्कि उन्होंने जनता के हित की बात की है। आलम ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि फोन करने वाले ने उन्हें मामा कह कर संबोधित किया था और इसके जवाब में उन्होंने भी उसे मामा कहा।
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे पर कसा तंज : ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि उन्होंने जनता के हित में काम करने की बात कही थी। जो लोग उनके पास आए थे वे लोग भी दूसरे दलों के हैं, लेकिन वे मंत्री होने के नाते लोगों का साथ दे रहे हैं। आलम ने कहा कि यदि जनता का साथ देना गलत है तो वे ये गलती हमेशा करते रहेंगे। उन्होंने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे का नाम लिए बैगर कहा कि जो लोग इस मामले को तूल दे रहे हैं वे खुद बताएं कि इसमें उनकी भूमिका क्या है। आलम ने कहा कि वे जनता के साथ हैं और जनता के साथ ही रहेंगे।