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एक लाख टन कोयले का बिल काटकर बंद की कंपनी, चार करोड़ जीएसटी चोरी के मामले में जांच शुरू Dhanbad News

सेंट्रल जीएसटी कोलकाता ने खुसासा किया है कि तीन कंपनियों ने करीब एक लाख टन कोयला की खरीद-बिक्री को लेकर पहले बिल काटा गया फिर कंपनी को बंद कर दिया।

By Sagar SinghEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 07:11 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 09:38 AM (IST)
एक लाख टन कोयले का बिल काटकर बंद की कंपनी, चार करोड़ जीएसटी चोरी के मामले में जांच शुरू Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। जिले की तीन फर्म श्री शक्ति इनोवेशन, श्री शक्ति इंडस्ट्रीज और श्री साईं इंडस्ट्रीज के खिलाफ चार करोड़ जीएसटी चोरी के मामले में आयकर विभाग की जांच चल रही है। इस मामले में यह तथ्य सामने आया है कि करीब एक लाख टन कोयला की खरीद-बिक्री को लेकर पहले बिल काटा गया, फिर बिल काटने के बाद कंपनी को बंद कर दिया गया।

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इस मामले का खुलासा सेंट्रल जीएसटी कोलकाता के माध्यम से किया गया है। इसके साथ ही बिल जारी करने को लेकर झरिया के किसी गणेश पांडेय और छोटू पांडेय का भी नाम सामने आया है। जीएसटी चोरी मामले में धनबाद कारोबारी दीपक जैन, संदीप भाटिया, पंकज अग्रवाल, निशांत सिंह समेत दो अन्य का नाम सामने आया है। इन लोगों से आयकर विभाग पूछताछ कर चुकी है।

केंद्रीय जीएसटी कोलकाता ने कंपनी बंद होने के बाद जारी हुए बिल के समाने आने के बाद अपनी कार्रवाई शुरू की। पता चला कि करीब एक लाख टन कोयला इन बिलों के माध्यम से खरीद बिक्री किया गया है। इसके लिए एक कंपनी के नाम पर दर्जनों बिल काटा गया। बिल जारी करने के बाद कंपनी बंद कर दी गई। जबकि उपरोक्त बिल पर अगले तीन माह तक कोयला का कारोबार किया गया। बिल बनाने के लिए किसी गणेश पांडेय नामक व्यक्ति का सहारा लिया गया। बताते चलें कि श्री शक्ति इनोवेशन नामक कंपनी के एक साल से बंद होने की बात जांच में सामने आयी है।

कोयला चोरी का होने की संभावना : जीएसटी चोरी के मामले में अब लिंक कोयला चोरी से भी जुडऩे लगा है। अब यह बात भी जांच के दायरे में आ रही है कि जहां से भी एक लाख टन कोयला का उठाव किया गया उसका डीओ धारक कौन है। यदि डीओ धारक नहीं है तो फिर चोरी के कोयला का ही खरीद बिक्री की गई है।

सीजीएसटी खंगाल रही पुराने रिकार्ड : आयकर विभाग धनबाद द्वारा मामले को लेकर आरोपितों के बावत सीजीएसटी धनबाद से रिपोर्ट की मांग की गई है। इस मांग पर विभाग ने अपने यहां के दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया है। जल्द ही पूरे मामले की रिपोर्ट आयकर विभाग को सौंप दी जाएगी। वहीं सेंट्रल जीएसटी की रडार पर गणेश पांडेय और उसके सहयोगी भी आ चुके हैं। इसके अलावा दीपक जैन, संदीप भाटिया, निशांत सिंह, पंकज अग्रवाल से जुड़े अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की तैयारी है।


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