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सीए के लिए कोड आफ एथिक्स धार्मिक ग्रंथ के समान, आइसीएआइ में स्थापना काल से ही लागू

द इस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया की नई कोड आफ एथिक्स अंतरराष्ट्रीय मान्यताओं के अनुसार बनाई गई है। कोई भी प्रोफेशन कोड आफ एथिक्स के बिना अपने मार्ग से भटक जाती है। सीए इंस्टीट्यूट अपने आप में एक बेहतर उदहारण है

By Atul SinghEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 05:56 PM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 06:40 PM (IST)
सीए के लिए कोड आफ एथिक्स धार्मिक ग्रंथ के समान, आइसीएआइ में स्थापना काल से ही लागू
सीए इंस्टीट्यूट अपने आप में एक बेहतर उदहारण है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद : द इस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया की नई कोड आफ एथिक्स अंतरराष्ट्रीय मान्यताओं के अनुसार बनाई गई है। कोई भी प्रोफेशन कोड आफ एथिक्स के बिना अपने मार्ग से भटक जाती है। सीए इंस्टीट्यूट अपने आप में एक बेहतर उदहारण है, जिसने अपने स्थापना कल से ही कोड आफ एथिक्स बनाई और इससे प्रभावी ढंग से लागू भी किया। इसकी वजह से पूरे विश्व में भारत के चार्टर्ड अकाउंटेंट की काफी प्रतिष्ठा है। यह बात पूर्व प्रेसिडेंट और विशेषज्ञ सीए अमरजीत चोपड़ा ने की। आइसीएआइ की धनबाद, पटना, जमशेदपुर और रांची शाखाओं की ओर से शनिवार को आयोजित वेबीनार को अमरजीत चावड़ा बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। वेबीनार का विषय इंटरलिंकेजेस आफ अकाउंटिंग एंड आडिटिंग स्टैंडर्ड्स विद कोड आफ एथिक्स एंड मल्टी-डिसिप्लिनरी पार्टनरशिप फर्म एंड इश्यूज इन नेटवर्किंग आफ सीए फर्म रहा।

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अमरजीत चोपड़ा ने कहा नया कोड आफ एथिक्स अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसके लागू होने के बाद एक सीए को अपने अंकेक्षण के कार्य में पूरी तरह संस्थान का जारी किया गया अकाउंटिंग और आडिटिटंग स्टैंडर्ड के अनुसार कार्य करना पड़ेगा। अकाउंटिंग और आडिटिंग स्टैंडर्ड्स को अपनी रिपोर्ट में प्रमुखता से स्थान देना पड़ेगा। हम चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए एक अंकेक्षण के लिए आडिटिंग स्टैंडर्ड की जानकारी होनी जरूरी है। इस कारण हमें इंस्टीट्यूट की ओर से समय समय पर प्रकशित किए जाने वाले आडिटिंग स्टैंडर्ड्स का अध्ययन करना बहुत ही आवश्यक है।

वेबिनार के माध्यम से मल्टी-डिसिप्लिनरी पार्टनरशिप फर्म एंड इश्यूज इन नेटवर्किंग आफ सीए फर्म विषय पर भोपाल के विशेषज्ञ सीए अभय छाजेड़ ने कहा की आज एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए क्षेत्र काफी विस्तृत हो गया है। यह संभव नहीं है कि एक चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रत्यक्ष कर, अप्रत्यक्ष कर, प्रोजेक्ट फाइनेंस, कैपिटल मार्केट, इंटरनेशनल टैक्सेशन और कंसल्टेंसी जैसे कार्य अकेले पूरी विशेषज्ञता से करे। इस कारण चार्टर्ड अकाउंटेंट के बीच पार्टनरशिप और नेटवर्किंग काफी महत्वपूर्ण है, ताकि एक फर्म या नेटवर्क के अधीन कार्यरत अलग-अलग क्षेत्रों की विशेषज्ञता रखने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट अपने क्लाइंट को पूरी सर्विस दे सकें। उन्होंने विभिन्न प्रकार के पार्टनरशिप और नेटवर्किंग सीए फर्म के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वेबिनार के शुरुआत में धनबाद शाखा के अध्यक्ष सीए प्रतीक गनेरीवाल ने कहा कि हम चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए संस्थान का कोड आफ एथिक्स धार्मिक ग्रंथ के सामान है। इस कारण इसका पालन करना महत्वपूर्ण है। इसके अनुपालन नहीं करने पर एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को किस प्रकार संस्थान दंडित करता है, इसके बारे में जानकारी दी गई। संस्थन के केंद्रीय परिषद् के सदस्य सीए अनुज गोयल, पटना, जमशेदपुर और रांची ब्रांच के अध्यक्षों ने भी संबोधित किया। वेबिनार को सफल बनाने में धनबाद शाखा के सभी प्रबंध समिति का योगदान रहा। इसमें झारखंड और बिहार से 200 से अधिक सीए शामिल हुए।


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