Coal India प्रबंधन व यूनियन के बीच कई दौर की सौदेबाजी के बाद बनी सहमति, कोयला कर्मियों को मिलेगा 68500 रुपये बोनस
कोयला कर्मियों को इस साल 68500 रुपये बोनस मिलेगा। यह राशि 21 अक्टूबर के पहले उनके बैंक खाते में चली जाएगी। गुरुवार को रांची सीएमपीडीआइएल हाल में हुई बैठक में कई दौर की सौदेबाजी के बाद कोल इंडिया प्रबंधन व यूनियन के बीच इसपर सहमति बनी।
धनबाद, जेएनएन। कोयला कर्मियों को इस साल 68500 रुपये बोनस मिलेगा। यह राशि 21 अक्टूबर के पहले उनके बैंक खाते में चली जाएगी। गुरुवार को रांची सीएमपीडीआइएल हाल में कोल इंडिया मानकीकरण समिति की बैठक हुई। नौ घंटे की बैठक में कई दौर की सौदेबाजी के बाद कोल इंडिया प्रबंधन व यूनियन के बीच इस पर सहमति बनी। इसकी अधिसूचना कोल इंडिया के महाप्रबंधक ( एमपी एंड आइआर) एके चौधरी ने जारी कर दी।
कोयला कर्मियों को पिछले साल बोनस के रूप में 64700 रुपये मिले थे। इस साल 38 सौ रुपये की वृद्धि हुई है। कोल इंडिया इस मद में 1755 करोड़ का भुगतान करेगी। पिछले साल 1730 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। कोल इंडिया लिमिटेड और इसकी अनुषंगी कंपनियों में कार्यरत दो लाख 50 हजार 124 कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा। सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के 48942 कर्मी भी इससे लाभान्वित होंगे।
कोल इंडिया प्रबंधन ने बैठक की शुरुआत में कोविड-19 का हवाला देकर वृद्धि के गुंजाइश से इन्कार किया। यह भी बताया गया कि मुनाफे में 763.1 करोड़ की कमी आई है। यूनियन ने एक लाख रुपये देने की मांग रखी। श्रमिक संगठनों का कहना था कि कोरोना काल में भी कर्मियों ने काम किया। इसलिए लाभ मिलना ही चाहिए। कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे। इस दौरान ठेका मजदूरों को भी केंद्र सरकार के प्रावधान के तहत 8.33 फीसद बोनस देने पर सहमति बनी।
कंपनी पर 1755 करोड़ का बोझ : कोल इंडिया वित्त निदेशक संजीव सोनी ने दैनिक जागरण को बताया कि बोनस पर समझौता हो गया है। कोयला कर्मियों को 68500 रुपये मिलेगा। 21 अक्टूबर तक कर्मियों के खाते में बोनस की राशि पहुंच जाएगी। इससे करीब 1755 करोड़ का बोझ कंपनी पर आएगा। इधर, बीसीसीएल के डीएफ सीमरण दत्ता ने कहा कि कंपनी की स्थिति ठीक नहीं है। कोल इंडिया से राशि को लेकर बातचीत की जाएगी। पावर प्लांटों पर कंपनी का 35 सौ करोड़ का बकाया है। यह राशि मिल जाए तो दिक्कत नहीं होगी। जमा पूंजी या ऋण को लेकर भी बातचीत की जाएगी।
कोयला कर्मियों को बेहतर बोनस के लिए लंबी बैठक करनी पड़ी। वृद्धि कराने में सफल हुए। देश की स्थिति खराब नहीं है। सरकार केवल रोना रो रही है। कोल इंडिया भी मजबूत स्थिति में है। -डॉ. बंसत राय, जेबीसीसीआइ सदस्य बीएमएस।
कोल इंडिया प्रबंधन बढ़ोत्तरी पर मान नहीं रही थी। श्रम संगठन की एकजुटता के कारण इसमें सफलता मिली है। कोयला मजदूरों की मेहनत का फल मिलना ही चाहिए। कोरोना में भी कोयला उत्पादन जान जोखिम में डालकर किया है। -रमेंद्र कुमार, एटक।