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सीके साइडिग की सीएचपी में आग लगने से पावर प्लांट को नहीं जा रहा कोयला

संस तिसरा बस्ताकोला क्षेत्र के सीके डब्ल्यू साइडिग की एक सीएसपी में रविवार को आग लगने से ि

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 11:03 PM (IST)
सीके साइडिग की सीएचपी में आग लगने से पावर प्लांट को नहीं जा रहा कोयला
सीके साइडिग की सीएचपी में आग लगने से पावर प्लांट को नहीं जा रहा कोयला

संस, तिसरा : बस्ताकोला क्षेत्र के सीके डब्ल्यू साइडिग की एक सीएसपी में रविवार को आग लगने से मिजिया व अन्य पावर प्लांटों में रैक के माध्यम से कोयला भेजने का काम ठप हो गया है। दो दिनों से यहां से पावर प्लांट को कोयला नहीं भेजा जा पा रहा है। एक रैक में प्रतिदिन वाशरी 5 और 4 ग्रेड का 35 सौ टन कोयला पावर प्लांट को कोयला भेजा जाता है। कभी-कभी यहां से दो व तीन रैक भी कोयला भेजा जाता रहा है। आग लगने के बाद कोयला नहीं जाने से पावर प्लांट में कोयला के लिए हाहाकार मच गया है। बीसीसीएल को भी हर दिन करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। सीके डब्ल्यू साइडिग बीसीसीएल बस्ताकोला क्षेत्र की एक प्रमुख साइडिग है। यहां से हर दिन पावर प्लांट व न्य जगहों पर कोयले का डिस्पैच किया जाता है। कोयला नहीं जाने से बीसीसीएल प्रबंधन परेशान है।

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सीएचपी से पिसाई के बाद रैक में पावर प्लांट भेजा जाता कोयला

सीके डब्ल्यू साइडिग में तीन सीएचपी हैं। सीएचपी से कोयले की पिसाई के बाद रैक से कोयला पावर प्लांट में कोयला भेजा जाता है। यहां के एक सीएचपी में रविवार को अचानक आग लग जाने से लगभग 10 लाख की क्षति बीसीसीएल को हुई है। बिजली की व्यवस्था भी चरमरा गई है। काम बंद हो गया है। प्रबंधन मरम्मत कार्य में जुटा हुआ है। मरम्मत में कई दिन लगने की संभावना है। जीएम सोमेन चटर्जी ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। सोमवार को परियोजना पदाधिकारी एसबी बरनवाल, प्रबंधक संजीव कश्यप व अभियंता अभिषेक वाटरपाल मरम्मत के काम कराने में जुट रहे।

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जिदल-पीएनटीसी और पीटीपीएल को कोयला ढुलाई और रैक भेजने का मिला है जिम्मा

सीके डब्ल्यू साइडिग में क्षेत्र के विभिन्न कोलियरियों से निकले कोयला को सीएचपी में भारी वाहन से गिराने और रैक से भेजने का जिम्मा जिदल-पीएनटीसी और पीटीपीएल कंपनी को मिला है। यहां लगभग 250 असंगठित मजदूर और 50 असंगठित मजदूर भी कार्य करते हैं। मजदूरों का काम कोयला से पत्थर निकालना व रैक की सफाई करना है। यहां से रैक पाथरडीह रेलवे यार्ड में भेजा जाता है। इसके बाद वहां से पावर प्लांट के लिए भेज दिया जाता है।

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मजदूरों ने जताई साइडिग को बंद करने की आशंका

सीएचपी में आग लगने के बाद यहां के मजदूरों ने साजिश की आशंका जताई है। घटना के बाद से मजदूरों में आक्रोश है। असंगठित मजदूर नेता राजेंद्र पासवान, महावीर राय व बिदा पासवान ने कहा कि साइडिग को बंद करने की यह प्रबंधन की चाल है। बीसीसीएल के डायरेक्टर टेक्निकल व परियोजना पदाधिकारी को जिम्मेवार ठहराया है। कहा कि रविवार की सुबह में डीटी व पीओ यहां निरीक्षण करने आए और दोपहर में आग कैसे लग गई। यह समझ से परे है। किसी हाल में साइडिग को हटाने नहीं देंगे।

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क्या कहते परियोजना पदाधिकारी :

कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी एसबी बरनवाल का कहना है पहले मलबा हटाकर रैक की सफाई करा रहे हैं, ताकि कोयला से लदे रैक को पावर प्लांट में भेजा जा सके। इसके बाद उच्च प्रबंधन से वार्ता कर जैसा होगा किया जाएगा।


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