कोल इंडिया में आंदोलन की परिस्थिति बनना घातक : कोयला मंत्री
धनबाद : कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोल इंडिया में इस तरह से आंदोलन की परिस्थिति ही क्यों
धनबाद : कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोल इंडिया में इस तरह से आंदोलन की परिस्थिति ही क्यों बनी, इस पर प्रबंधन को विचार करना चाहिए। जो समझौता किया गया है या फिर मंत्रालय स्तर से दिशा निर्देश दिए गए हैं, उसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है, यह तो प्रबंधकीय लापरवाही को दर्शाता है।
यह बातें मंत्री ने दिल्ली में भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के साथ हुई बैठक में कहीं। बता दें कि 11 सूत्री मांगों को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। संघ की ओर से गुरुवार को डिस्पैच ठप किए जाने के बाद मंत्रालय में चली बैठक में सकारात्मक पहल कर आंदोलन स्थगित कर दिया गया। बैठक में तय हुआ कि 28 मार्च 2018 के पूर्व व एक जनवरी 2017 के बाद बीस लाख ग्रेच्युटी लागू करने की मांग पर कोल इंडिया बोर्ड में फैसले के लिए भेजा जाएगा। यह भी तय हुआ कि प्रतिमाह स्टैंडराइजेशन कमेटी की बैठक होगी।
कमर्शियल माइनिंग के मामले पर गठित संयुक्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की बैठक प्रतिमाह कर संयुक्त रूप से सरकार को अनुशंसा करने का निर्णय लिया गया। मंत्री ने स्पष्ट कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन उत्पादन, उत्पादकता व डिस्पैच पर ध्यान दे। साथ ही सामंजस्य बनाकर काम करने की भी जरूरत है। बैठक में कोयला सचिव डॉ. इंदरजीत सिंह, कोल इंडिया चेयरमैन अनिल कुमार झा, कार्मिक निदेशक आरपी श्रीवास्तव, यूनियन की ओर से कोल प्रभारी व जेबीसीसीआइ सदस्य डॉ. बसंत कुमार राय, संघ के अध्यक्ष बीके राय, महासचिव वाइएन सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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इन मुद्दों पर लिए गए निर्णय
- कोल मंत्रालय व कोल इंडिया स्तर पर चर्चा के बिना खानबंदी आदि नहीं की जाएगी।
- बीस लाख ग्रेच्युटी भुगतान का मामला एक जनवरी से लागू करने संबंधित प्रस्ताव बोर्ड में पास कर लागू करने पर विचार।
- संडे डयूटी के पारंपरिक प्रावधान यथावत रहेंगे।
- स्टैंडराइजेशन कमेटी की प्रतिमाह बैठक कर मामले का निपटारा करने का निर्णय।