लोडिग का काम मांग रहे जलेश्वर समर्थक मजदूरों ने दी कांटा घर बंद करने की चेतावनी
संवाद सहयोगी कतरास वेस्ट मोदीडीह कोलियरी की कांटा पहाडृी कोल डंप में लोडिग का काम मांगने को लेकर जलेश््वर समर्थक मजदूरों ने धरना दिया।
संवाद सहयोगी, कतरास: वेस्ट मोदीडीह कोलियरी की कांटा पहाडृी कोल डंप में लोडिग का काम मांग रहे असंगठित मजदूरों का एक दल कांग्रेस के बैनर तले पांच दिनों से धरना दे रहा है। सोमवार को विरोध करते हुए मजदूरों ने कहा कि समय रहते हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो बुधवार को कांटापहाड़ी कांटा घर को बंद कर दिया जाएगा। धरना में शामिल पूर्व विधायक जलेश्वर महतो समर्थक मजदूरों ने कहा कि पहले वे कांटा पहाड़ी डंप में ट्रकों में कोयले की लदाई करते थे। स्थानीय विधायक के लोगों ने एक- एक कर हम सभी मजदूरों को लोडिग कार्य से निकाल दिया। इसके चलते हमलोग बेरोजगार हो गए हैं और भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। स्थानीय पुलिस व अनुमंडल दंडाधिकारी के पास कई बार फरियाद कर चुके, लेकिन अब तक नतीजा सामने नहीं आया। धरना का नेतृत्व कर रहे मनोज भुइयां ने कहा कि डंप में विधायक के लोगों का वर्चस्व है, जो अपने हक के लिए धरना दे रहे मजदूरों को बाहरी बता रहे हैं। विधायक समर्थक जिस 46 दंगल की बात कर रहे हैं, उन सभी की सूची प्रशासन के सामने लाएं। जांच होने पर सच्चाई सामने आ जाएगी। एक व्यक्ति चार दंगल का सरदार है। धरना पर बैठे मजदूर भी स्थानीय और बेरोजगार हैं। कोरोना काल में इनके समक्ष बेरोजगारी की समस्या हो गई है। इन्हें भी लोडिग का काम दिया जाए। मजदूरी सीधे मजदूरों के बैंक खाते में जमा होनी चाहिए। धरना को संबोधित करने वालों में मनोज कुमार भुइयां, रंजीत पांडेय, विनोद शर्मा, श्रीनिवास राय, सुबोध बर्मन के अलावा धरना में शामिल मजदूर परवा देवी, कन्हाई चौहान, मनोज बाउरी, इंद्रजीत भुइयां, उर्मिला देवी, किरण देवी, मालती देवी, पारो देवी, सूरजी देवी, सावित्री देवी, बबिता देवी, गीता देवी, तुलसी देवी, लक्ष्मी देवी आदि थी।
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कांग्रेसी सत्ता की धौंस दिखा रहे
संवाद सहयोगी, कतरास: कांटा पहाड़ी कोल डंप में कार्यरत असंगठित मजदूरों ने सोमवार को पत्रकार वार्ता आयोजित कहा कि चेकपोस्ट के पास धरना दे रहे कांग्रेस समर्थक सत्ता की धौंस दिखा रहे हैं। कांग्रेसियों के द्वारा अन्यत्र कार्य व धंधा कर रहे लोगों को सरदारी दिलाने का प्रलोभन देकर धरना स्थल पर बैठाया जा है। धरना दे रहे लोग दंगल बढ़ाने का दबाव दे रहे हैं और जबरन सरदारी मांग रहे हैं। इतना ही नहीं, कांटा घर बंद करने की चेतावनी दे रहे हैं। यहां 2016 से 46 दंगल मजदूर लोडिग का काम कर रहे हैं, जिनकी सूची स्थानीय थाना में जमा है। इनको ही नियमित रूप से लोडिग का कार्य नहीं मिल पाता है। कुछ लोग मजदूरों का शोषण कर अपनी राजनीति चमकाना चाह रहे हैं। धरना से मजदूरों के बीच तनाव है। प्रशासन व सरकार पहले से डंप में कार्यरत मजदूरों के साथ इंसाफ करे। पत्रकार वार्ता में प्रमोद भुइयां, बासुदेव भुइयां, राजू बाउरी, नागेश्वर भुइयां, दिनेश तुरी सहित कई दर्जनों महिला मजदूर शामिल थी।