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कोयला उत्‍पादन के साथ सौर ऊर्जा से बिजली बनाएगी कोल इंडिया

सोलर पैनलों में सोलर सेल होते हैं जो सूर्य की ऊर्जा को प्रयोग करने लायक बनाते हैं। सौर ऊर्जा को बिजली में बदलने के लिए फोटोवोल्टेक सेलों का प्रयोग होता है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 08 Nov 2018 06:48 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 11:52 AM (IST)
कोयला उत्‍पादन के साथ सौर ऊर्जा से बिजली बनाएगी कोल इंडिया
कोयला उत्‍पादन के साथ सौर ऊर्जा से बिजली बनाएगी कोल इंडिया

धनबाद, आशीष अंबष्ठ। दुनिया में कोयले का सीमित भंडार है। अभी कोयले का सबसे ज्यादा प्रयोग बिजली बनाने में होता है। जब यह स्रोत खत्म हो जाएगा तो क्या होगा। इस दिशा में दुनिया का हर देश काम में जुटा है। ऊर्जा का प्रमुख स्रोत सूर्य पर अब सबकी निगाहें हैं। कोल इंडिया भी सूर्य की ऊर्जा का प्रयोग कर बिजली बनाने के क्षेत्र में कदमताल तेज कर चुकी है। कोल इंडिया कोयला के साथ अब सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन भी करेगी। कोल इंडिया और नेवेली लिग्नाइट कंपनी ने 5000 मेगावाट पावर जेनरेशन की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। इसके लिए 24000 करोड़ रुपये का संयुक्‍त निवेश होगा। 15000 एकड़ से अधिक बंजर जमीन पर सोलर पैनल लगेंगे। 

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झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में जमीन की तलाश शुरू हो गई है। इन क्षेत्रों में कोल इंडिया की इकाई को जमीन तलाशने का जिम्मा दिया गया है। झारखंड सरकार से भी जमीन उपलब्ध कराने को कोल कंपनियों के अधिकारियों ने संपर्क किया है। कोयला व ऊर्जा मंत्रालय से मिले निर्देश के बाद कोल इंडिया इस दिशा में रेस हो गई है। सेंट्रल माइनिंग प्लानिंग डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुताबिक राज्य सरकारों से प्रारंभिक दौर की बात हो गई है। उन्होंने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। कोल इंडिया प्रबंधन को मंत्रालय ने यह संकेत भी दिया है कि फंड और जमीन की तलाश में दिक्कत आई तो राशि मुहैया कराने के साथ राज्य सरकार से सीधे बात की जाएगी।

ऐसे बनेगी विद्युत ऊर्जा 

सोलर पैनलों में सोलर सेल होते हैं जो सूर्य की ऊर्जा को प्रयोग करने लायक बनाते हैं। सौर ऊर्जा को बिजली में बदलने के लिए फोटोवोल्टेक सेलों का प्रयोग होता है। बंजर जमीन पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। जो सूर्य की ऊर्जा को एकत्र करेंगे। सूर्य की ऊर्जा का रूपांतरण वैज्ञानिक तकनीक से विद्युत ऊर्जा में किया जाएगा। फिर इसका प्रयोग हो सकेगा।

सोलर पावर प्रोजेक्ट कोल इंडिया की महात्वाकांक्षी योजना है। इसके लिए 15000 एकड़ से अधिक बंजर जमीन चाहिए। कोल इंडिया और नेवेली लिग्नाइट कंपनी इसके लिए करीब 24 हजार करोड़ की राशि खर्च करेंगे। प्रत्येक कंपनी 12 हजार करोड़ की राशि लगाएगी।

-अनिल कुमार झा, चेयरमैन, कोल इंडिया। 


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