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कोल इंडिया का पावर प्लांटों पर 14,886 करोड़ रुपये बकाया

देश में कोयला संकट को लेकर कोल इंडिया पर कोयला डिस्पैच को लेकर दबाव बढ़ा हुआ है। कोयला डिस्पैच बढ़ाने की दिशा में कोल इंडिया ने अलर्ट जारी कर रखा है। ऐसे में पावर प्लांटों पर कोल इंडिया का 14886 करोड़ रुपये बकाया है। कोल इंडिया ने कोयला मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 06:20 AM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 06:20 AM (IST)
कोल इंडिया का पावर प्लांटों पर 14,886 करोड़ रुपये बकाया
कोल इंडिया का पावर प्लांटों पर 14,886 करोड़ रुपये बकाया

जागरण संवाददाता, धनबाद : देश में कोयला संकट को लेकर कोल इंडिया पर कोयला डिस्पैच को लेकर दबाव बढ़ा हुआ है। कोयला डिस्पैच बढ़ाने की दिशा में कोल इंडिया ने अलर्ट जारी कर रखा है। ऐसे में पावर प्लांटों पर कोल इंडिया का 14,886 करोड़ रुपये बकाया है। कोल इंडिया ने कोयला मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है। अब कोल इंडिया ने पावर प्लांट पर बकाया भुगतान को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। उन्हें जल्द से जल्द भुगतान करने को कहा गया है। वहीं वर्ष 2019-20 में जहां पावर कंपनियों पर बकाया 16209.02 करोड़ रुपये था। वहीं 2020-21 में विभिन्न प्लांटों पर 14,625 करोड़ रुपये तथा पब्लिक सेक्टर पर 6893 करोड़ रुपये सहित कुल 21619.71 करोड़ रुपये बकाया था। कोरोना काल में पावर कंपनियों को कोयला की कमी न हो, इसके लिए कोयला कंपनियों ने सप्लाई जारी रखी थी। पावर प्लांटों को लिखा गया पत्र :

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कोल इंडिया की ओर से पावर प्लांटों सहित अन्य पीएसयू सेक्टर को जल्द भुगतान को लेकर पत्र लिखा गया है। साथ ही इसकी पूरी जानकारी कोयला व ऊर्जा मंत्रालय को भी दी गई है। बीसीसीएल का भी करीब 2400 करोड़ रुपये बकाया है। बकाया मिलने से डिस्पैच वर्क को मिलेगी गति

कोल इंडिया को पावर प्लांटों से बकाया मिलने से कोल कंपनियों में चल रहे रेलवे साइडिग व साइलो सिस्टम के निर्माण में तेजी आएगी। साथ ही कई अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम तेजी से शुरू होगा। इन पावर प्लांटों पर अधिक बकाया :

एनटीपीएस - 2422 करोड़

डीवीसी -1500 करोड़

एमएएचएजीईएनसीओ-2096 करोड़

यूपीआरबीएनएल -1470 करोड़

डब्ल्यूपीडीसीएल -1816 करोड़

अन्य संस्थान -4320 करोड़ कोट :-

कोल इंडिया का पावर प्लांटों पर करीब 14,886 करोड़ रुपये बकाया है। भुगतान को लेकर दबाव बनाया गया है। भुगतान मिलने से कई काम को गति मिलेगी। कोयला उत्पादन व डिस्पैच करने में भी राशि खर्च होती है। बकाया भुगतान मिलने से कई वर्क प्लान पर काम किया जाए सकेगा।

- सिमरण दत्ता, कोल इंडिया डीएफ


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