Coal India: इस माह नोटिफाइड से 10 फीसद अधिक रहेगा रिजर्व प्राइस, नवंबर तक पूर्व की स्थिति बहाल करने पर विचार
कोल इंडिया से अनुषंगी कंपनियों को बाजार के अनुसार रिजर्व प्राइस तय करने का अधिकार मिलेगा। लॉकडाउन में कोल इंडिया ने नोटिफाइड प्राइस को ही रिजर्व प्राइस कर दिया था। अप्रैल से लागू योजना की अवधि सितंबर माह में समाप्त हो गई।
धनबाद, जेएनएन। कोल इंडिया लिमिटेड ई-ऑक्शन के नियमों को संशोधित करने पर विचार कर रही है। 25 सितंबर को हुई बोर्ड बैठक में इस पर विचार किया गया। बैठक में ई-ऑक्शन (एक्सक्लूसिव व स्पॉट) दोनों में पावर व नन पावर सेक्टर को दी गई रियायतें वापस लेने पर विचार किया गया। इस पर अमल हुआ तो नवंबर माह से पुन: नोटिफाइड व रिजïर्व प्राइस अलग-अलग हो सकते हैं। इन्हें तय करने का अधिकार कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों को लौटाया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक बैठक में कहा गया कि कोविड-19 के दौरान औद्योगिक क्षेत्रों को सरकार ने कई रियायतें दी थी। कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों के पास भी काफी मात्रा में स्टॉक उपलब्ध था। लिहाजा कंपनी ने कोयला के खरीदारों को आकर्षित करने के लिए नोटिफाइड व रिजर्व प्राइस को एक कर दिया था। इसकी अवधि अप्रैल से सितंबर 2020 तक रखी गई थी। यह अवधि बीत चुका है। अब जबकि अनलॉक शुरू हो गया है कंपनी के विपणन निदेशक ने इस पर पुनर्विचार का प्रस्ताव दिया है।
इसके मुताबिक अक्टूबर के ऑक्शन में बाजार की स्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाए। बैठक में निर्णय लिया गया कि अक्टूबर माह की ई नीलामी के लिए नोटिफाइड प्राइस से 10 फीसद बढ़ाकर रिजर्व प्राइस रखा जाए। यह भी तय किया गया कि नवंबर की नीलामी से पहले अनुषंगी कंपनियों को बाजार की स्थिति के अनुसार नोटिफाइड व रिजर्व प्राइस तय करने का अधिकार दे दिया जाए। इस मसौदे को अध्यक्ष की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है।