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Clean India Mission: बिन पानी कनेक्शन बना दिए दो करोड़ के 67 मॉड्यूलर शौचालय, दो साल से बंद पड़े 20 शौचालयों की टंकी व नल गायब

स्वच्छ भारत मिशन (Clean India Mission) के तहत दो वर्ष पहले नगर निगम ने पांच अंचलों में 67 मॉड्यूलर शौचालयों का निर्माण किया था। इस पर लगभग दो करोड़ रुपये खर्च भी किए गए थे लेकिन निगम इन शौचालयों में पानी का कनेक्शन देना ही भूल गया।

By Sagar SinghEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 11:11 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 11:14 AM (IST)
Clean India Mission: बिन पानी कनेक्शन बना दिए दो करोड़ के 67 मॉड्यूलर शौचालय, दो साल से बंद पड़े 20 शौचालयों की टंकी व नल गायब
धनबाद नगर निगम ने बिना पानी कनेक्शन बना दिए मॉड्यूलर शौचालय।

धनबाद, [आशीष सिंह]। स्वच्छ भारत मिशन (Clean India Mission) के तहत दो वर्ष पहले धनबाद नगर निगम (Dhanbad Municipal Corporation) ने पांच अंचलों में 67 मॉड्यूलर शौचालयों (Modular Toilets) का निर्माण किया था। इस पर लगभग दो करोड़ रुपये खर्च भी किए गए थे, लेकिन निगम इन शौचालयों में पानी का कनेक्शन देना ही भूल गया। नतीजा यह हुआ कि निर्माण के बाद से ही सारे शौचालय बेकार पड़े हुए हैं। इन शौचालयों में अब ताला लटका हुआ है। वहीं कई शौचालयों के सेप्टिक पेन और पानी की टंकी तक गायब हो गए हैं। दो दिन पहले निगम के सिटी मैनेजर प्रेम प्रकाश ने जब रांगाटांड़ इलाके में बने शौचालयों का औचक निरीक्षण किया तो उन्हें वहां ताला लटका मिला।

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कई मॉड्यूलर शौचालय देखरेख के अभाव में कबाड़ बनते जा रहे हैं। प्रत्येक टू सीटर शौचालय में दो और चार सीटर में चार टंकी लगाई गई थी। वर्तमान में लगभग 20 शौचालय की टंकी और नल गायब है। झरिया, छाताटाड़ अंचल के अलग-अलग वार्ड में टंकी से लेकर नल तक गायब है। वहीं शहर में धैया कोरंगा बस्ती के समीप शौचालय स्थापित होते ही टंकी गायब हो गई। टंकी गायब होने की शिकायत निगम में भी पहुंची, लेकिन अफसरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

बताते चलें कि टू सीटर शौचालय की लागत दो लाख 50 हजार तो चार सीटर शौचालय की लागत चार लाख रुपये है। धनबाद अंचल में धैया कोरंगा बस्ती, निगम कार्यालय, बीएसएस महिला कॉलेज, हीरापुर पार्क मार्केट, पुराना डीटीओ ऑफिस, स्टील गेट, रांगाटांड़ व पुलिस लाइन में शौचालय का निर्माण किया गया है। इसी तरह झरिया, ङ्क्षसदरी, छाताटांड़ और कतरास अंचल के अलग-अलग वार्ड में भी शौचालय बनाए गए हैं।

स्वच्छता सर्वेक्षण में कट सकते हैं नंबर: निगम को अपने मॉड्यूलर शौचालय से लेकर सामुदायिक शौचालय की याद अक्सर स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान ही आती है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान स्थल निरीक्षण के लिए आने वाली टीम शौचालय की व्यवस्था भी देखती है। व्यवस्था के आधार पर ही अंक मिलता है और रैंकिंग तय होती है। वर्तमान में सामुदायिक शौचालय और मॉड्यूलर शौचालय की जो स्थिति है, वह रैंकिंग में बाधक बनेगी।

अधिकतर मॉड्यूलर शौचालयों में पानी की समस्या है। शौचालय तो बना दिए गए, लेकिन पानी उपलब्ध नहीं है। इन्हें दुरुस्त किया जाएगा। सभी में रनिंग वाटर की सुविधा दी जाएगी। शौचालयों के पास जहां भी पानी का नजदीकी कनेक्शन होगा, उससे अटैच किया जाएगा। -सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त।


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