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Coronavirus से जंग में सीएम एक्शन मोड में, ट्वीट कर प्राइवेट अस्पतालों को दी यह चेतावनी; यहां देखें इलाज की दरें

तत्कालीन राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ. नीतिन मदन कुलकर्णी ने अपने आदेश में कहा था कि जो अस्पताल प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से अच्छादित हैं। ऐसे अस्पतालों को मरीजों का इलाज कार्ड पर ही करना है। जबकि अन्य अस्पताल निर्धारित शुल्क से अधिक नहीं लेंगे।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 02:10 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 09:18 AM (IST)
Coronavirus से जंग में सीएम एक्शन मोड में, ट्वीट कर प्राइवेट अस्पतालों को दी यह चेतावनी; यहां देखें इलाज की दरें
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ( फाइल फोटो)।

बोकारो, जेएनएन। कोरोना महामारी में मरीजों का दोहन करने वाले निजी अस्पतालों पर बड़ी कार्रवाई संभव है। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर सभी प्रकार के अस्पताल व बेड के लिए दर निर्धारित किए जाने की जानकारी सार्वजनिक की है। साथ ही कहा है- यदि कोई अस्पताल अधिक पैसा मांगता है तो परेशान न हों, मरीज की भर्ती कराएं और इसके बाद राज्य नियंत्रण कक्ष 104 पर सीधे शिकायत करें। उस अस्पताल संचालक पर आपदा अधिनियम सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा। जारी आदेश के निजी अस्पतालों के लिए है। सरकारी अस्पताल तय राशि से अधिक नहीं लेंगे। यहां भी यदि किसी मरीज से अधिक राशि ली गई तो कार्रवाई होगी। कार्रवाई के तहत संबंधित अस्पताल का निबंधन रद्द करने के अलावा उन पर आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। मुख्यमंत्री के आदेश से पहले ही बोकारो जिले में प्राइवेट अस्पतालों में इलाज पर खर्च को लेकर प्रशासन गंभीर है। इस बाबत पूर्व में ही चास एसडीएम शशि प्रकाश सिंह ने आदेश जारी कर दिया था। बोकारो राज्य में ए श्रेणी के शहरों में से एक है। इसलिए यहां कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अलग-अलग दर निर्धारित है।

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पेमेंट सरकार से, अस्पताल चला वसूल रहे हैं मनमाना पैसा

बोकारो के अधिकांश अस्पताल सरकारी चिकित्सकों का है जो कि अपने संरक्षण में चला रहे हैं। सरकार से वेतन लेकर निजी अस्पताल में सेवा दे रहे हैं।  बोकारो में कई  निजी अस्पताल सुविधा नहीं रहते हुए भी गंभीर मरीजों को अपने यहां जगह देते हैं और मनमाने शुल्क वसूल लेते है। खास बात यह है कि इस बात की जानकारी जिला प्रशासन को नहीं है जिला स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में 90 प्रतिशत अस्पताल जो कि क्लिनीकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत कभी भी मान्यता के लायक नहीं हो सकते हैं। वह  वर्षों से औपबंधिक लाईसेंस पर अस्पताल का संचालन कर रहे हैं। जबकि कानून के मुताबिक एक वर्ष के अंदर उन्हें स्थाई लाईसेंस लेना है। ऐसे अस्पताल संचालकों का मुख्य लक्ष्य पैसा कमाना है। इस प्रकार के अस्पताल व चिकित्सकों के संबंध में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने स्वास्थ्य सचिव व स्वास्थ्य मंत्री के साथ मुख्यमंत्री से भी की है। 

पूर्व के सचिव का आदेश

तत्कालीन राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ. नीतिन मदन कुलकर्णी ने अपने आदेश में कहा था कि जो अस्पताल प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से अच्छादित हैं। ऐसे अस्पतालों को मरीजों का इलाज कार्ड पर ही करना है। जबकि अन्य अस्पताल निर्धारित शुल्क से अधिक नहीं लेंगे। जिले में कुछ अस्पताल जो अब तक स्वास्थ्य बीमा पर इलाज करते थे कोरोना मरीजों को बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। 

क्या है इलाज की दर

इलाज के लिए अस्पतालों को दो श्रेणी में बांटा गया है । पहले भी अस्पताल है जिन्हें एनएबीएच का मान्यता प्राप्त मिला हुआ है। जबकि दूसरे वैसे अस्पताल है जो कि एन ए बी एच से मान्यता प्राप्त नहीं है । इस मानक के आधार पर बोकारो जनरल अस्पताल के अलावा जिले में एक-दो ही अस्पताल ऐसे हैं जो एनएबीएच से मान्यता प्राप्त है। विदित हो कि नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर जो कि अस्पतालों की गुणवत्ता को लेकर प्रमाणित करता है।  

मान्यता प्राप्त अस्पताल

  1. सामान्य मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण हो उनके लिए नॉर्मल वार्ड में प्रतिदिन सभी खर्च मिलाकर छह हजार।
  2. थोड़े से बीमार एवं आइसोलेशन बेड पर भर्ती के साथ ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाले बेड को उपलब्ध कराने पर प्रत्येक दिन दस हजार ।
  3.  बिना वेंटीलेटर के आईसीयू बेड पर भर्ती मरीजों के लिए 15 हजार ।
  4.  वेंटिलेटर के साथ अति गंभीर मरीजों के लिए प्रतिदिन 18 हजार ।

 गैर मान्यता प्राप्त अस्पताल

  1. सामान्य सर श्रेणी के लक्षण वाले मरीजों को सामान्य बेड देने पर प्रतिदिन 5500 ।
  2. सामान्य रूप से बीमार और ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड उपलब्ध कराने पर प्रतिदिन आठ हजार ।
  3. उनकी लेटर के आईसीयू बेड प्रतिदिन 13 हजार ।
  4. वेंटीलेटर के साथ आईसीयू बेड देने पर 15 हजार अधिकतम।

 जांच के लिए निर्धारित दर

  1. एबीजी : 400 रुपये ।
  2. बल्ड सुगर : 100 रुपये।
  3. हेमोग्लाेबीन : 150 रुपये ।
  4. सीटी : 3500 रुपये ।
  5. डिजिटल एक्सरे - 500 रुपये।
  6. इसीजी : 300 रुपये ।

 नोट : यह खर्च पीपीई कीट के साथ है। अस्पताल पीपीई कीट के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं ले सकते।


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