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मुख्यमंत्री जी ! जब तक Covid-19 की जांच रिपोर्ट आ रही फेफड़ा हो जा रहा डैमेज, कुछ तो कीजिए

Covid -19 झारखंड में कोरोना के हालात पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरन जनप्रतिनिधियों से ऑनलाइन चर्चा कर रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने धनबाद बोकारो और गिरिडीह के सांसद और विधायकों के साथ विचार-विमर्श किया। इस दाैरान जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिए।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 01:41 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 01:41 PM (IST)
मुख्यमंत्री जी ! जब तक Covid-19 की जांच रिपोर्ट आ रही फेफड़ा हो जा रहा डैमेज, कुछ तो कीजिए
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता।

धनबाद, जेएनएन। झारखंड में कोरोना के हाताल को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विपक्ष को भी साधने में जुट गए हैं। इस सिलसिले में वे पक्ष-विपक्ष सभी जनप्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन संवाद कर रहे हैं। इसका शुभारंभ उन्होंने पलामू प्रमंडल के साथ ऑनलाइन संवाद कर दिया। फिर दक्षिणी छोटानागपुर और कोल्हान प्रमंडल की बारी आई। बुधवार को उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की बारी थी। इस दाैरान मुख्यमंत्री ने धनबाद, बोकारो, गिरिडीह समेत उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सांसद-विधायकों के साथ विचार-विमर्श किया। ऑनलाइन संवाद में धनबाद के सांसद पीएन सिंह, गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चाैधरी, कोडरमा की सांसद अन्नापूर्णा देवी, बोकारो के विधायक विरंची नारायण, धनबाद के विधायक राज सिन्हा आदि शामिल हुए। सभी ने कोरोना से निपटने के लिए अपने-अपने सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने सबकी बातों को सुना।

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सांसद ने जिला के प्रभारी मंत्री की गैरहाजिरी पर जताई नाराजगी

मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने बुधवार काे राज्य के सांसदाें व विधायकाें के साथ वर्चुअल बैठक की। इस दाैरान इतनी बड़ी महामारी में भी जिला के प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता की ओर से कोई बैठक नहीं लिए जाने पर सांसद पीएन सिंह ने नाराजगी जताई। कहा कि प्रभारी मंत्री जिला के अभिभावकतुल्य हाेते हैं। उनका आपदा की घड़ी में खैरखबर न लेना चिंताजनक है। एक बार उन्हें भी धनबाद भेजिए।

जब तक रिपोर्ट आती फेफड़ा तक पहुंच जाता संक्रमण

सांसद ने कहा कि धनबाद मे कोरोना का टेस्ट रिपोर्ट लगभग आठ दिन में मिल रहा है। तब तक संक्रमण फेफड़ा तक पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति में मरीज का स्वास्थ्य काफी बिगड़ जाता है। अतः कोरोना का टेस्ट रिपोर्ट अति शीघ्र दिलवाने का कार्य प्रारंभ हो। इस महामारी के दौर में सरकारी अस्पताल में जब गरीब वर्ग के लोगों को बेड नहीं मिलता है तो वह निजी अस्पताल में जाता है वहां पर काफी बिल बन जाता है। अतः ऐसे गरीब लोगों का बिल का भुगतान करने का कार्य सरकार अपने स्तर पर करे।दुर्भाग्य से यदि मरीज की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजन या छोटे-छोटे बच्चे काफी मुश्किल में आ जाते हैं और ऐसी स्थिति में बिल का भुगतान भी एक बहुत बड़ी समस्या होती है। अतः सरकार ऐसे गरीब व्यक्तियों का संसाधन विहीन व्यक्तियों का बिल का भुगतान का कार्य सरकार करे।

अंतिम संस्कार की व्यवस्था सरकार करे

इस महामारी में अनेकों व्यक्तियों की जान गई है। ऐसे में अंतिम संस्कार करने में गरीब व्यक्ति काफी परेशान हो रहे हैं। अतः गरीब व्यक्तियों के ऐसे परिजन जिनका इस महामारी में निधन हो गया है उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था सरकार करें। बुनियादी सुविधा हमारे पास काफी है किंतु मैन पावर की कमी से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है अतः वर्तमान चुनौती से निपटने के लिए और भविष्य में किसी भी प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर नियुक्ति की जाए।


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