Move to Jagran APP

बीसीसीएल में 109 करोड़ के गोलमाल पर जनवरी में चार्जशीट दाखिल करेगी सीबीआइ

बीसीसीएल में 109 करोड़ के गोलमाल के मुकदमा में सीबीआइ आरोप पत्र दाखिल करने को तैयार है। 2017 में बीसीसीएल में गलत तरीके से डंफर और रोड हेडर की खरीदारी की गई थी।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 01:23 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 01:23 PM (IST)
बीसीसीएल में 109 करोड़ के गोलमाल पर जनवरी में चार्जशीट दाखिल करेगी सीबीआइ
बीसीसीएल में 109 करोड़ के गोलमाल पर जनवरी में चार्जशीट दाखिल करेगी सीबीआइ

जागरण संवाददाता, धनबाद : भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) में 109 करोड़ के गोलमाल के मुकदमा में सीबीआइ जनवरी में आरोप पत्र दाखिल करने को तैयार है। 2017 में बीसीसीएल में गलत तरीके से निविदा कर 100 डंफर और रोड हेडर की खरीददारी की गई थी। एक साल पहले सीबीआइ ने इस मसले पर दो एफआईआर दर्ज की है।

loksabha election banner

दोनों एफआईआर में बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी टी के लाहिणी, निदेशक डी सी झा, अशोक सरकार, अमिताभ साह, राकेश सिन्हा समेत कई बड़े अफसरों के नाम हैं। इस मसले से संबंधित सारे दस्तावेजों का मिलान और बीसीसीएल के विजिलेंस विभाग की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद सीबीआइ को आरोप पत्र दाखिल करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मिल चुके हैं। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद दोनों केस की सुनवाई शुरू होगी।

बीसीसीएल के सीएमडी समेत कई पूर्व निदेशकों के खिलाफ दर्ज यह मुकदमा बेहद दिलचस्प हैं। जरूरत एवं मानकों की अनदेखी कर 100 डंफर खरीद लिए गए। कोयला के खनन कार्य के लिए चीनी कंपनी मेसर्स जियामुसी कोल माइनिंग मशीनरी कंपनी लिमिटेड से रोड हेडर भी खरीदे गए है। 1.65 मीटर ऊंची मशीन को खरीदा जाना था, लेकिन 2.25 मीटर ऊंची मशीन खरीदी गई। वेस्टर्न झरिया मुनीडीह भूमिगत खदान में जरुरत से अधिक ऊंची रोड हेडर मशीन का चलाना कठिन है। इसलिए रोड हेडर कोयला खदान के लिए उपयोगी नहीं रहा।

बीसीसीएल की विजिलेंस जांच में जिनका नाम, वो भी फंसे: सीबीआइ की एफआईआर के बाद बीसीसीएल की विजिलेंस जांच भी हुई है। विजिलेंस जांच में कुछ और ऐसे अफसरों के नाम आए हैं, जिनका नाम सीबीआइ की एफआईआर में नहीं है। विजिलेंस जांच रिपोर्ट के अध्ययन के बाद सीबीआइ के आरोप पत्र में कुछ नए नाम भी आ सकते हैं।

यह है मामला: बीसीसीएल के कुछ अफसरों ने तय मानक एवं शर्त का उल्लंघन कर एलएंडटी से तकरीबन 3.09 करोड़ का 100 डंफर खरीदा था। विजिलेंस जांच के मुताबिक इस खरीददारी में बीसीसीएल को लगभग 97 करोड़ का नुकसान हुआ है। विजिलेंस जांच को आधार बनाया गया तो इस मामले में 45 और अफसर फंस सकते हैं। इसी तरह चीनी कंपनी से रोड हेडर की खरीददारी में भी बीसीसीएल को 12 करोड़ के नुकसान की बात विजिलेंस जांच में आई है।

सीएमडी, निदेशकों के अलावा विजिलेंस जांच में इनके नाम भी: तत्कालीन जीएम (बरोरा) पी एस मिश्रा, ए सोमेन चटर्जी (ब्लाक टू), टी मंडल (सीवी), एस के मुखोपाध्याय (गोविंदपुर), सुबीर दास (कतरास), बी सी मांझी (सिजुवा), ए के सिंह (कुसुंडा), बी सी नायक (बस्ताकोला), बी एन सिंह (लोदना), सुबीर घोष (इजे) के अलावा खनन अफसर आर सुरेश कुमार, बी के राय, बी के झा, के के त्रिपाठी, डी के दत्त, जी पी सिंह, एस के श्रीवास्तव, एस के वर्मा, एस एस झा, बी मिश्रा, वित्त विभाग के बी बी सारा, ए के चौधरी, टी चक्रवर्ती, एस डी चट्टोपाध्याय, एस के सहाय, ए के दास, बी के जजोदिया, सोम नाथ चौधरी, निशिकांत पाल, ए डी चटर्जी, स्टोर एवं डिपो के एच एम ठाकुर, एम के सेठ, यू दास, पी एन घोष, एल पी श्रीवास्तव, प्रभाकर कुमार, सतीश कुमार, ए के सिन्हा, आर के श्रीवास्तव, डी सी मंडल आदि

''बीसीसीएल में डंफर और रोड हेडर की खरीददारी में अनियमितता के केस में आरोप पत्र तैयार हो रहा है। जनवरी में इसे दाखिल किया जाएगा। सीएमपीएफ और बीसीसीएल के और भी मामले विचाराधीन हैं। उनकी भी जांच प्रगति पर है।"

- नागेंद्र कुमार, सीबीआइ एसपी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.