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CIMFR में प्रोत्‍साहन घोटाला की CBI जांंच शुरू, व‍िज्ञान‍ियों में खलबली

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी से शिकायत की थी कि सिंफर में सीएसआइआर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर गाइड लाइन के तहत प्रोत्साहन राशि के वितरण में गड़बड़ी की गई है। इस पर बाबूलाल मरांडी ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से पूरे मामले की जांच की सिफारिश की है।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 11:53 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 12:48 PM (IST)
CIMFR में प्रोत्‍साहन घोटाला की CBI जांंच शुरू,  व‍िज्ञान‍ियों में खलबली
केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान परिषद ( फाइल फोटो)।

अश्विनी रघुवंशी, धनबाद। सीएसआइआर टेक्नोलाजी ट्रांसफर गाइडलाइन के मुताबिक सिंफर में कार्यरत 553 विज्ञानी एवं उनके सहायकों को कर कटौती के बाद तकरीबन 12 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि वितरण के मसले पर वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के दिल्ली मुख्यालय के वित्त अधिकारियों के साथ सीबीआइ अधिकारियों के दल ने सोमवार को जांच-पड़ताल की। दिल्ली मुख्यालय से वित्त एवं लेखा विभाग के पदाधिकारी मनीष शर्मा एवं राकेश बेदालिया सीबीआइ अधिकारियों के साथ आए थे। जांच दल ने सिंफर के डिगवाडीह कार्यालय में जाकर वित्तीय वर्ष 2019:20 में प्रोत्साहन राशि के वितरण से संबंधित तमाम दस्तावेजों की जांच की। इस बाबत अपनाई गई सारी प्रक्रिया का अध्ययन किया। जांच दल ने दस्तावेजों की छायाप्रति भी ली। मंगलवार को जांच दल गुजरे दो या तीन और वित्तीय वर्ष में प्रोत्साहन राशि के वितरण के दस्तावेजों की छानबीन कर सकता है।

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दरअसल, कुछ लोगों ने भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी से शिकायत की थी कि सिंफर में सीएसआइआर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर गाइड लाइन के तहत प्रोत्साहन राशि के वितरण में गड़बड़ी की गई है। इस पर बाबूलाल मरांडी ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से पूरे मामले की जांच की सिफारिश की है। कुछ और लोगों ने ऐसी शिकायतें भारत सरकार के मंत्रालय से की थी। इसके बाद वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक शेखर सी मांडे ने उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया। इसके तहत सीएसआइआर के वित्त अधिकारियों के साथ आए सीबीआइ अधिकारियों ने डिगवाडीह कार्यालय में जाकर साइंटिस्ट इंचार्ज आशीष मुखर्जी एवं प्रोजेक्ट मानिटङ्क्षरग एंड इवोलुएशन हेड डाक्टर एन के श्रीवास्तव से सारे दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। यह देखा गया कि प्रोत्साहन राशि के वितरण में भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन किया गया अथवा नहीं। छानबीन के बाद मिनट्स तैयार किया गया। सिंफर निदेशक डाक्टर प्रदीप सिंह की माता का निधन हो चुका है। सोमवार की उनकी तेरहवीं थी। इस नाते जांच दल के लोगों ने उनसे संपर्क नहीं किया।

प्रोत्साहन राशि के वितरण के मसले पर सीएसआइआर के अधिकारियों के साथ सीबीआइ के लोग आए थे। उन लोगों ने तमाम दस्तावेजों का अध्ययन किया। साझा मिनट्स (मसौदा) भी तैयार किया गया। जांच में सभी पक्ष का निष्कर्ष था कि प्रोत्साहन राशि के वितरण में भारत सरकार की गाइड लाइन का पालन किया गया है। जांच में जो भी सहयोग मांगा जाएगा, वो करने को तैयार हैैं।

-आशीष मुखर्जी, साइंटिस्ट इंचार्ज, सिंफर

इन्हें मिली प्रोत्साहन राशि: सिंफर निदेशक, मुख्य वैज्ञानिक, वैज्ञानिक, प्रयोगशाला सहायक, लिपिक समेत परियोजना में शामिल 553 प्रतिनिधि


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