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नॉन बैंकिंग कंपनी रिलायर के खिलाफ सीबीआइ ने तेज की जांच, अभिकर्ताओं से पूछताछ

सीबीआइ टीम ने बताया कि वर्ष 2011 से 2013 तक इस कंपनी ने क्षेत्र के निवेशकों से 3-4 करोड़ रुपये का निवेश कराया था। कंपनी के एमडी और निदेशक पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

By mritunjayEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 11:54 AM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 11:54 AM (IST)
नॉन बैंकिंग कंपनी रिलायर के खिलाफ सीबीआइ ने तेज की जांच, अभिकर्ताओं से पूछताछ
नॉन बैंकिंग कंपनी रिलायर के खिलाफ सीबीआइ ने तेज की जांच, अभिकर्ताओं से पूछताछ

निरसा, जेएनएन। उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआइ आर्थिक अपराध शाखा ने नन बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ जांच तेज कर दी है। इसी सिलसिले में सीबीआइ की एक टीम निरसा थाना पहुंचकर नॉन बैंकिंग कंपनी रिलायर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निवेशकों एवं अभिकर्ताओं से पूछताछ की। सीबीआइ ने निवेशकों से कंपनी के बांड पेपर की छाया प्रति ली। 

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सीबीआइ टीम ने बताया कि वर्ष 2011 से 2013 तक इस कंपनी ने क्षेत्र के निवेशकों से 3-4 करोड़ रुपये का निवेश कराया था। कंपनी के एमडी असलम अंसारी, निदेशक रामनिवास पांडेय एवं रामप्रवेश पांडेय इन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोपित फरार चल रहे हैं। मंगलवार को सीबीआइ के अधिकारियों ने इस मामले में निरसा पुलिस से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। 

कंपनी ने गोविंदपुर, निरसा, धनबाद के साथ पश्चिम बंगाल के आसनसोल, बर्दवान एवं कोलकाता सहित बिहार के बरौनी, बक्सर, आरा, बिक्रमगंज, बिहारशरीफ में भी कार्यालय खोलकर निवेशकों का पैसा हड़पा है। उच्च न्यायालय के निर्देश पर कंपनी में निवेश करने वालों की सूची तैयार की जा रही है। ताकि रकम का आकलन किया जा सके। विभिन्न स्थानों पर कंपनी के एक करोड़ रुपये की चल व अचल संपत्ति है। न्यायालय के निर्देश के बाद उन संपत्तियों को जब्त कर निवेशकों को राशि लौटाई जा सकती है। टीम में सनि रविशंकर कुमार, चंदन कुमार सिंह शामिल थे।


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