गिरिडीह के जेल अधीक्षक से दो करोड़ रुपये रंगदारी मांगने के मामले में डेढ़ महीने बाद दर्ज हुआ केस
झारखंड में विधि व्यवस्था चरमरा गई है। अब तो जेल अधीक्षक को भी अपराधी नहीं बख्श रहे। गिरिडीह सेंट्रल जेल के प्रभारी जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी से अगस्त के पहले सप्ताह में दो करोड़ रुपये रंगदारी मांगी गई। उनको बुरे परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: झारखंड में विधि व्यवस्था चरमरा गई है। अब तो जेल अधीक्षक को भी अपराधी नहीं बख्श रहे। गिरिडीह सेंट्रल जेल के प्रभारी जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी से अगस्त के पहले सप्ताह में दो करोड़ रुपये रंगदारी मांगी गई। उनको बुरे परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। अगस्त में ही चौधरी ने मुफस्सिल थाने में आवेदन दे दिया था। इसमें कहा था कि जेल में नाजायज सुविधाएं न दिए जाने पर धमकी देकर रंगदारी मांगी गई। पुलिस ने जांच के बाद चार दिन पहले प्राथमिकी कर ली है। मुफस्सिल थाने की पुलिस का कहना है कि जिस नंबर से वाट्सएप काल व मैसेज किया गया, उसकी जांच चल रही है।
बोकारो के जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी को पांच महीने पहले गिरिडीह सेंट्रल जेल का अतिरिक्त प्रभार मिला था। जरूरी काम के लिए वे सप्ताह में कुछ दिन गिरिडीह सेंट्रल जेल में भी आते हैं। मालूम हो कि दो माह पूर्व सहायक जेलर प्रमोद कुमार पर अपराधियों ने न्यायालय जाने के दौरान रास्ते में फायरिंग की थी। उनकी हत्या का प्रयास किया था। तब चौधरी ने कहा था कि यह हमला उन्हीं पर होने वाला था। अपराधियों के टारगेट में तो वे थे। हालांकि तब कहा गया कि जेल अधीक्षक इन अपराधियों के टारगेट में होते तो बोकारो से गिरिडीह आने-जाने के दौरान हमला होता। यह हमला तो गिरिडीह में हुआ। सूत्रों का कहना है जेल में बंद आशीष कुमार साह को जेल में मनमुताबिक सुविधाएं नहीं देने को लेकर यह धमकी दी गई है। आशीष का नाम गैंगस्टर अमन साहू के गुर्गा के तौर पर जेलर प्रमोद पर पर फायरिंग के दौरान ही सामने आया था।
गैंगस्टर व जेल प्रशासन में होने लगी थी तकरार
अनिमेष चौधरी अधीक्षक बनने के पहले गिरिडीह जेल में जेलर थे। 2021 में प्रमोशन मिलने के बाद अधीक्षक बनाए गए थे। इसके बाद ही गैंगस्टर अमन साहू को गिरिडीह सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया था। तब शुरू हुई थी गैंगस्टर और जेल प्रशासन की तकरार। सेंट्रल जेल के विशेष सेल में बंद अमन पर आशीष और मंजेश से संपर्क कर जेलर पर हमला कराने का आरोप लगा था। इसमें सात लोगों को नामजद आरोपित किया गया है। अधीक्षक को धमकी देने वाले ने अपना नाम मयंक सिंह बताया था। अब तक पुलिस उस नंबर से जुड़े अपराधी की भी पहचान नहीं कर सकी है। इस बारे में अनिमेष चौधरी से मोबाइल पर संपर्क का प्रयास विफल रहा, उन्होंने काल रिसीव नहीं की।
इस संबंध में गिरिडीह के मुफस्सिल थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर विनय राम ने बताया कि जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी से वाट्सएप काल और मैसेज कर दो करोड़ रुपये रंगदारी मांगने को लेकर प्राथमिकी कर ली गई है। टेक्निकल सेल से उस नंबर की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि जो भी इस मामले में शामिल होगा, उसे जल्द दबोच लिया जाएगा।