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Cyber Crime: पढ़े-लिखों को भी भा रहा यह ठगी का धंधा, बीआइटी मेसरा से पासआउट दो इंजीनियर गिरफ्तार

Cyber crime देवकुमार व मिथिलेश ने 2016 से 2019 के बीच रांची के बीआइटी मेसरा से पॉलीटेक्निक की पढ़ाई की। फिर साइबर अपराध में कदम रखा।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 08:40 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 08:40 AM (IST)
Cyber Crime: पढ़े-लिखों को भी भा रहा यह ठगी का धंधा, बीआइटी मेसरा से पासआउट दो इंजीनियर गिरफ्तार
Cyber Crime: पढ़े-लिखों को भी भा रहा यह ठगी का धंधा, बीआइटी मेसरा से पासआउट दो इंजीनियर गिरफ्तार

बेरमो, जेएनएन। बीआइटी मेसरा से पढ़े दो इंजीनियर साइबर ठग बन गए हैं। एक बेरमो के अंगवाली व दूसरा देवघर निवासी है। दोनों ने देवघर के ही एक युवक को भी सहयोगी बनाया। इन सभी ने कई लोगों से अब तक करीब सात लाख रुपये ठगे। बेरमो अनुमंडल की पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर रविवार को न्यायिक हिरासत में तेनुघाट जेल भेजा। बेरमो थाना में एसडीपीओ अंजनी अंजन ने बताया कि अंगवाली निवासी सेवानिवृत्त सीसीएल कर्मी हीरालाल नायक के पुत्र देवकुमार नायक, देवघर के दुमदुमी बरमसिया निवासी जयदेव दास के पुत्र मिथिलेश कुमार दास व वहीं के सिद्धेश्वर दास के पुत्र उत्तम कुमार दास को पकड़ा गया है।

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देवकुमार व मिथिलेश ने 2016 से 2019 के बीच रांची के बीआइटी मेसरा से पॉलीटेक्निक की पढ़ाई की। फिर साइबर अपराध में कदम रखा। चंद्रपुरा थाना में 3 अप्रैल को सेंट्रल कॉलोनी के दिग्विजय कुमार ने 39,943 रुपये ठगी की शिकायत की। बेरमो सर्किल पुलिस इंस्पेक्टर रविप्रताप वाजपेयी के नेतृत्व में टीम ने अनुसंधान शुरू किया। मोबाइल फोन लोकेशन से देवकुमार नायक पकड़ा गया। उसके पास ठगी में प्रयुक्त मोबाइल फोन व सिम मिला। उसकी निशानदेही पर मिथिलेश को उसके घर से पकड़ा गया। दोनों के सहयोगी उत्तम कुमार को भी गिरफ्तार किया गया। देवकुमार पर गोमिया, बोकारो थर्मल व लातेहार थाना में भी ठगी का मामला दर्ज है।

मिथिलेश ने देव को सिखा दी साइबर ठगी  

एसडीपीओ ने बताया कि मिथिलेश  ने देवकुमार को साइबर ठगी सिखा दी। मिथिलेश ने चचेरे भाई अजय साइबर अपराध के गुर सीखे थे। अजय एक्सिस बैंक देवघर से करोड़ों रुपये  की ठगी के मामले का मुख्य आरोपित है। जो देवघर जेल में बंद है। 

कैशबैक का लालच देकर भेजता था लिंक

देवकुमार ने पुलिस को बताया पेटीएम व फोन-पे के माध्यम से कैशबैक का लालच देकर लोगों के मोबाइल फोन पर लिंक भेजता था। झांसे में आया खाताधारक लिंक को जैसे ही छूता उसके बैंक अकाउंट से राशि निकल जाती। देवकुमार रकम मिथिलेश के अकाउंट में भेजता। मिथिलेश को 20 फीसद हिस्सा मिलता था। 

देवघर के पलटन व गुड्डू से लेते थे सिम कार्ड

दोनों ने बताया कि इस काम में फर्जी सिम कार्ड का उपयोग  करते थे। इसे देवघर के पलटन दास व गुड्डू उपलब्ध कराते थे। हर कार्ड के एवज में 1500 से 2000 रुपये लिए जाते थे। इन दोनों की भी पुलिस तलाश कर रही है। 


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