कोल इंडिया तकनीकी कमेटी से बीएमएस के बीके राय ने नाम लिया वापस
धनबाद भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध अखिल भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। यहां निजाम बदलते ही संगठन की फिजा बदलने लगी है।
धनबाद : भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध अखिल भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। यहां निजाम बदलते ही संगठन की फिजा बदलने लगी है। कोयला प्रभारी रहे डॉ. बसंत राय के कोल इंडिया की कंट्रीब्यूट्री पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकल स्कीम (सीपीआरएमएस) कमेटी से नाम वापस लेने के बाद संघ के अध्यक्ष का पद संभाल चुके बीके राय ने भी तकनीकी कमेटी से अपना नाम वापस ले लिया है। इससे संगठन में कई तरह की चर्चा शुरू हो गई हैं। वहीं सेवानिवृत्त कर्मी को कंपनी स्तरीय कमेटी में जगह देने पर सावल उठने लगे हैं। नाम वापस लेने के बाद संघ के महामंत्री सुधीर घूर्डे ने सीसीएल के राजीव रंजन सिंह को सीपीआरएमएस ट्रस्टी बोर्ड एवं डब्ल्यूसीएल के दिलीप सातपुते को कोल इंडिया टेक्निकल सब कमेटी में प्रतिनिधि के रूप में मनोनीत किया है। जानकारी के अनुसार रमेश बल्लेवार को राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार कमेटी में नामित किया गया, पर उन्होंने नामित होने से इन्कार कर दिया।
बताते चलें कि इससे पहले कोल इंडिया एपेक्स कमेटी में केएल रेड्डी, मानकीकरण कमेटी में सुरेंद्र पांडेय मनोनीत हुए हैं। रिटायर होने के कारण डब्ल्यूसीएल संचालन समिति से बिसेंदरे एवं एनसीएल से मुनीलाल यादव को मुक्त कर नए लोगों को मनोनीत किया गया, लेकिन बीसीसीएल की संयुक्त सलाहकार समिति में बदलाव नहीं होने पर सवाल उठ रहा है। सवाल यह उठ रहा है कि रिटायर करने के बाद भी गोरा चंद्र चटर्जी को क्यों नहीं हटाया जा रहा है। इस पर संगठन के अंदर कई तरह की चर्चा जोरों पर है।