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सिंदरी में काली कमाई के लिए बहा लाल खून, संघर्ष और फायरिंग में आधा दर्जन घायल Dhanbad News

बीसीसीएल की खदानों से कोयला लाकर रेलवे मार्शलिंग यार्ड के सामने रखा जाता है। फिर रेलवे के रैक से उसे अलग-अलग कंपनियों में भेजा जाता है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 07:08 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 07:08 AM (IST)
सिंदरी में काली कमाई के लिए बहा लाल खून, संघर्ष और फायरिंग में आधा दर्जन घायल Dhanbad News
सिंदरी में काली कमाई के लिए बहा लाल खून, संघर्ष और फायरिंग में आधा दर्जन घायल Dhanbad News

सिंदरी, जेएनएन। सिंदरी के रेलवे मार्शलिंग यार्ड में वर्चस्व के लिए रविवार को दो बार खूनी संघर्ष हुआ। सुबह दस बजे पहली बार मारपीट हुई। इसमें लाठी-डंडे चले। खूब धक्का-मुक्की हुई। हवा में गोलियां भी चलाई गईं। पुलिस आई तो सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए। दोपहर 12 बजे पुलिस की मौजूदगी में दोबारा मारपीट हुई। इसके बाद पुलिस के जवानों ने लोगों को खदेडऩा शुरू किया। दो बार की मारपीट में छह लोग घायल हो गए। चार को इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर किया गया। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। मार्शलिंग यार्ड पुलिस छावनी में बदल गया है। 

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दरअसल, बीसीसीएल की खदानों से कोयला लाकर रेलवे मार्शलिंग यार्ड के सामने रखा जाता है। फिर रेलवे के रैक से उसे अलग-अलग कंपनियों में भेजा जाता है। खदान से कोयला लाकर यहां जमा करने के लिए मार्शलिंग यार्ड में कई महीने से तनाव चल रहा था। रविवार को विवाद की शुरुआत एक जमीन पर पूजा को लेकर हुई। भू दस्तावेज के साथ दुर्गा देवी की 23 डिसमिल जमीन पर पूजा करने के लिए राजेंद्र हेंब्रम गए। उनके साथ कोयला ढुलाई का कारोबार करने वाले कौशल सिंह भी थे। उसी जमीन से होकर मार्शलिंग यार्ड तक जाने का रास्ता है। अभी कोयला ढुलाई कर रही कंपनी मां कामाख्या लॉजिस्टिक के लोगों ने पूजन का विरोध किया। डर था कि वहां कोई निर्माण हुआ तो रास्ता बंद होने से पूरा कारोबार रुक जाएगा। पहले हो-हल्ला हुआ, फिर लात-घूंसे चलने लगे। मां कामाख्या लॉजिस्टिक के सोनू सिंह और कौशल सिंह के लोगों के बीच खूब मारपीट हुई।

मां कामाख्या के साइट इंचार्ज आशीष कुमार सिंह और कौशल के करीबी शशि सिंह की कार में तोड़-फोड़ की गई। मारपीट में शशि सिंह, पलटू महतो, मंगरू महतो और जगदीश रजक घायल हो गए। गौशाला ओपी प्रभारी ने आकर हालात को नियंत्रित किया। बलियापुर, पाथरडीह और सिंदरी थाना के पुलिस अफसर एवं जवानों के साथ डीएसपी अजीत सिन्हा भी आए। बलियापुर के अंचलाधिकारी मोहम्मद असलम को भी बुलाया गया ताकि जमीन से संबंधित विवाद को देखा जा सके। 

संघर्ष के मूल में व्यापारिक साझेदार विवाद : डीएसपी

सिंदरी के डीएसपी अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि खूनी संघर्ष के मूल में व्यापारिक साझेदार का विवाद है। प्रमोद सिंह ने यहां काम शुरू किया था। लोग उनके साथ थे। अब सोनू सिंह ने प्रमोद सिंह को हटा दिया है। इससे दोनों पक्ष के लोगों में तकरार हो रही है। मारपीट की घटना में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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