भोजपुरी-मगही विवाद से बिगड़ेगा झारखंड और बिहार का रिश्ता ! नीतीश कुमार ने कह दी बड़ी बात
Nitish Kumar Stand on Bhojpuri Magahi Language Dispute झारखंड में भोजपुरी और मगही भाषा को लेकर चल रही राजनीति में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कूद पड़े हैं। उन्होंने दोनों भाषाओं को धनबाद और बोकारो की क्षेत्रीय भाषा की सूची से बाहर करने को लगत बताया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। भोजपुरी और मगही को झारखंड के धनबाद और बोकारो जिले की क्षेत्रीय भाषा की सूची से हेमंत सोरेन सरकार द्वारा बाहर करने को लेकर राजनीति गरमा गई है। भाषा की यह राजनीति झारखंड से निकलकर पड़ोसी राज्य बिहार में पहुंच गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर तंज कसा है। कहा है-कोई ऐसा कर रहा है तो अपना ही नुकसान कर रहा है। उन्होंने कहा है कि मगही और भोजपुरी भाषा को हटाना झारखंड के हित में नहीं है। इसे बोलने वाले लोग बिहार में भी हैं और झारखंड में भी हैं। भोजपुरी तो यूपी में भी है।
कायम है झारखंड बिहार का रिश्ता
बिहार और झारखंड पहले एक था। 15 नवंबर, 2000 को बिहार से अलग कर झारखंड नाम से नया राज्य बनाया गया है। दोनों राज्यों में बसे लोगोंं को एक-दूसरे राज्य में रिश्ता है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को दिल्ली में थे। भोजपुरी और मगही को झारखंड के धनबाद और बोकारो जिले की क्षेत्रीय भाषा की सूची से बाहर करने पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि-बिहार और झारखंड तो एक ही साथ रहे हैं। अलग राज्य बनने के बाद भी दोनों के बीच रिश्ता अभी भी है। मगही और भोजपुरी दोनों राज्यों की भाषा है। हम इसके पक्षधर रहे हैं। यह बिहार और झारखंड दोनों राज्यों के लोगों में है। बार्डर एरिया को देख लीजिए एक तरफ मगही है और दूसरी तरफ भोजपुरी। अगर यह बात कोई कर रहा है तो वह अपना ही नुकसान कर रहा है। पता नहीं ऐसा क्यों कर रहे हैं।
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राजद अध्यक्ष भी झारखंड सरकार के स्टैंड का कर चुके हैं विरोध
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के स्टैंड का विरोध कर चुके हैं। चारा घोटाले में हाई कोर्ट रांची में पेशी के लिए लालू प्रसाद यादव पटना से पिछले दिनों रांची पहुंचे। हाई कोर्ट द्वारा चारा घोटाले में सजा सुनाए जाने के बाद लालू रांची के होटवार जेल में बंद हैं। हाई कोर्ट के फैसले से पहले लालू प्रसाद ने रांची में कहा था कि जो भोजपुरी और मगही का विरोध करता है हम उसका विरोध करते हैं। हाालंकि इसका असर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार पर नहीं पड़ा। गाैरतलब है कि लालू की पार्टी राजद भी हेमंत सोरेन गठबंधन सरकार में शामिल है। राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता मंत्री हैं। लालू की पार्टी के सिर्फ एक विधायक का समर्थन होने के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।