धनबाद के वैज्ञानिक डॉक्टर तापस चटर्जी की बड़ी उपलब्धि, तलाशे दो समुद्री सूक्ष्म जीव
scientist Tapash Chatterjee. धनबाद के वैज्ञानिक डॉक्टर तापस चटर्जी ने वाटर माइट्स की दो नई प्रजातियों की समुद्र में तलाश की है।
धनबाद, तापस बनर्जी। भारत के एक व विदेश के दो वैज्ञानिकों ने कड़ी मशक्कत के बाद वाटर माइट्स की दो नई प्रजातियों की समुद्र में तलाश की है। इस अहम उपलब्धि को हासिल करने वाले भारत के वैज्ञानिक धनबाद के डॉक्टर तापस चटर्जी हैं। अन्य दो वैज्ञानिक तुर्की के फुरकन डुरुकन और मांटेनेग्रो के ब्लादिमीर पेसिक हैं। इन्होंने तुर्की के भूमध्य सागर की अंटाल्या की खाड़ी में इन दोनों समुद्री जीवों की खोज की है। इनका शोध पत्र न्यूजीलैंड के जर्नल जूटैक्सा में 12 दिसंबर को प्रकाशित हो गया है।
ये जलीय सूक्ष्म जीव फाइलम ऑर्थोपोडा परिवार के सदस्य हैं। इन्हें माइक्रोस्कोप की मदद से ही देखा जा सकता है। डॉ. चटर्जी ने बताया कि इनमें से एक का नाम लिटरैकना इनिगमेटिका और दूसरे का लिटरैकना एंटलयेनसिस है। दोनों ही जीव समुद्री जीवन में जैव विकास के क्रम को समझने में काफी अहम सिद्ध होंगे।
125 नई प्रजातियों की खोज कर चुके
गहरे समुद्र से लेकर मीठे जलीय सूक्ष्म जीव की 125 नई प्रजातियों की खोज कर चुके हैं। वह धनबाद के क्रिसेंट इंटरनेशलन स्कूल के प्राचार्य हैं। विश्व स्तरीय वैज्ञानिकों की सूची में उन्हें 85.5 परसेंटाइल प्राप्त हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, साउथ कोरिया, ताइवान, फिलीपींस, थाइलैंड, तंजानिया, कनाडा, पोलैंड, कैरेबियन आइलैंड सहित अन्य देशों के वैज्ञानिकों के साथ शोध किया है।
इन देशों में रहे विजिटिंग साइंटिस्ट
डॉ. चटर्जी कई देशों में विजिटिंग साइंटिस्ट रहे हैं। साउथ कोरिया की डेगू यूनिवर्सिटी में 2004-05, यूनिवर्सिटी ब्रूनेई दारुसलेम में लंबे समय तक सेवा भी दी। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसेनोग्राफी सीएसआइआर गोआ में भी काम किया है।
वैज्ञानिक का संक्षिप्त परिचय
-रिजनल कॉलेज एंड एजुकेशन भुवनेश्वर से 1985 में एमएससी।
-यूजीसी नेट 1986 में किया और 1992 में उत्कल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की।
-उत्कल विश्वविद्यालय से मिली डॉक्टर ऑफ साइंस इन जूलॉजी की उपाधि।