मगही-भोजपुरी भाषा को लेकर बढ़ रहा आक्रोश...तीन गांव के लोगों ने जुलूस निकाल किया हेमंत का पुतला दहन
धनबाद व बोकारो जिला में मगही भोजपुरी एवम अंगिका को क्षेत्रीय भाषा में शामिल किये जाने का विरोध थमने का नाम नही ले रहा है। भाषा संघर्ष समिति के बैनर तले सदरियाडीह खानुडीह ओर निचितपुर के ग्रामीणों ने जुलूस निकाला हरिणा चौक पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का पुतला दहन किया।
संवाद सहयोगी, बाघमारा: धनबाद व बोकारो जिला में मगही, भोजपुरी एवम अंगिका को क्षेत्रीय भाषा में शामिल किये जाने का विरोध थमने का नाम नही ले रहा है।शनिवार को झारखण्डी भाषा संघर्ष समिति के बैनर तले सदरियाडीह, खानुडीह ओर निचितपुर के ग्रामीणों ने जुलूस निकाला हरिणा चौक पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का पुतला दहन किया। वे झारखंड सरकार होश में आओ,हेमत सोरेन मुर्दाबाद का नारा लगा रहे थे।सैकड़ो की संख्या में उक्त गांवो के लोग जुलूस की शक्ल में हरिणा चौक पहुचे।
वक्ताओं ने कहा कि हेमंत सरकार अगर अपने आदेश को वापस नही लेगी तो धनबाद व बोकारो जिला में झामुमो का नाम लेने वाला कोई नही रहेगा।झामुमो के एक भी विधायक ,सांसद को इस क्षेत्र से जितने नही दिया जायेगा।वक्ताओं ने स्थानीय विधायक ढुलू महतो और पूर्व विधायक जलेश्वर महतो को भी निशाना बनाया । जुलूस में शामिल युवकों ने कहा कि इस नियोजन नीति के लागू हो जाने से झारखंडी युवाओं की हक मारा जायेगा और फिर से गैर झारखंडियों द्वारा यहां के लोगो का शोषण किया जायेगा।
सरकार को चेतावनी देते हुए कहा गया इसमें संशोधन कर भोजपुरी मगही को धनबाद ओर बोकारो से हटाना होगा नही तो सरकार को झारखंड के युवा सत्ता पर बैठाने जानते है तो सत्ता से बेदखल करने का भी साहस है।वक्ताओं ने कहा कि सरकार को संदेश देने के लिए 30 जनवरी को महुदा मोड़ से नगेन मोड़ तक 50 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई जायेगी। यंहा के लोंगों का विश्वास अब इस सरकार पर नही रहा और ये जनआक्रोश झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीतिक जमीन छिन लेगी। मौके पर शंकर महतो,रामप्रसाद महतो,विजय महतो,राहुल महतो,राजेन्द्र महतो,लखिन्द्र महतो,खिरोधर महतो,बंटी महतो थे।