BMS भी विपक्ष की लाइन पर, अपनी ही विचारधारा वाली केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ महंगाई और विनिवेश को लेकर विपक्ष हमलावर है। अब भारतीय मजदूर संघ ने भी मोर्चा खोल दिया है। 9 सितंबर को जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन का एलान किया है। वह भी तब जब केंद्र की भाजपा सकार और बीएमएस की समान विचारधारा है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। महंगाई चरम सीमा पार कर गई है, जिसके कारण सर्वहारा वर्ग को जीना दुर्लभ होते जा रहा है। केंद्र सरकार से वस्तु अधिनियम के अंतर्गत रखने की मांग करती है ताकि मुनाफाखोरी से बचा जा सके। यह बातें भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री विनय कुमार सिन्हा ने कही। झारखंड दौरे के क्रम में कहा कि आशा कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधा केवल कागजी खानापूर्ति बन कर रह गई है। गंभीरता से सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखना होगा। उन्होंने कहा कि आज सरकार आर्थिक संसाधन में सम्पन्न होने के लिए देश की संपत्ति और उद्योगों को बेच रही है। इसका बीएमएस करता है। हमारे उद्योगों को अडाणी और अम्बानी से चलवाना उचित नहीं है। पब्लिक सेक्टर बचेगा तभी देश की आर्थिक गतिविधि चल सकेगी। देश को सही दिशा मिलेगी। लेकिन केंद्र की मौजूदा सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है।
सिन्हा ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों को अभी से इसका विरोध नहीं किया गया तो आने वाले समय में कोई भी सरकारी संस्थान नहीं बचेगी। प्राइवेट व निजी मालिकों के हाथों में बेच दिया जाएगा। सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। भारतीय मजदूर संघ इसका विरोध ही नहीं करता है बल्कि आंदोलन के लिए भी तैयार है। बीएमएस का मानना है कि सरकार किसी का हो ,नीति का विरोध या सहयोग में विश्वास करते है। संघ महंगाई के विरोध में 9 सितंबर को देश एवं राज्य के सभी जिलों में विशाल प्रदर्शन के साथ विरोध करने का निर्णय लिया है। सभी जिला में पूरी एकता के साथ इस काम करना है। ताकि सरकार को पता चल सके कि उनकी नीति का विरोध करना जनता ने शुरू कर दिया है। मौके पर प्रदेश अध्यक्ष , प्रदेश महासचिव सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे