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यहां सुधर रहा परलोक का रास्ता, श्मशान की खूबसूरती ऐसी कि मुर्दे भी करना चाहेंगे विश्राम Dhanbad News

तेलीपाड़ा श्मशान घाट का कायाकल्प कर दिया गया है। मटकुरिया मुक्तिधाम में पार्क भी विकसित किया जा रहा है। लगभग 60 फीसद तक काम पूरा हो चुका है।

By mritunjayEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 09:32 AM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 09:32 AM (IST)
यहां सुधर रहा परलोक का रास्ता, श्मशान की खूबसूरती ऐसी कि मुर्दे भी करना चाहेंगे विश्राम Dhanbad News
यहां सुधर रहा परलोक का रास्ता, श्मशान की खूबसूरती ऐसी कि मुर्दे भी करना चाहेंगे विश्राम Dhanbad News

धनबाद [आशीष सिंह]। श्मशान घाट को पार्क की शक्ल देने की बात अचंभित जरूर करेगी मगर ऐसा हो रहा है। धनबाद नगर निगम की ओर से जिले के पांच श्मशान घाट को पार्क के तौर पर विकसित किया जा रहा है। मोहलबनी डिगवाडीह, लिलोरी स्थान कतरास, बस्ताकोला गंगा गौशाला झरिया, तेलीपाड़ा व मटकुरिया मुक्तिधाम श्मशान को आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा। यहां पार्क की तरह कृत्रिम घास, बैठने के लिए छायादार शेड, स्वच्छ पानी, शौचालय, नहाने और हाथ-पैर धोने की अलग व्यवस्था होगी।

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तेलीपाड़ा श्मशान घाट का कायाकल्प कर दिया गया है। मटकुरिया मुक्तिधाम में पार्क भी विकसित किया जा रहा है। लगभग 60 फीसद तक काम पूरा हो चुका है। अगले एक माह में पांचों श्मशान घाट बदले स्वरूप में दिखेंगे। हर के कायाकल्प पर एक से डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। निगम डीएमएफटी (डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फाउंडेशन ट्रस्ट) के तहत यह निर्माण करा रहा है। संभवत: धनबाद झारखंड का पहला ऐसा जिला होगा जहां श्मशान घाटों को आधुनिक तरीके से पार्क के तौर पर विकसित किया जा रहा है। दरअसल, यह धनबाद नगर निगम के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल के विजन का परिणाम है। उन्होंने नगर निगम क्षेत्र को स्वच्छ, खूबसूरत और विकास का मॉडल बनाने का बीड़ा उठाया है। इसके तहत श्मशान घाटों का भी साैंदर्यीकरण किया जा रहा है।

एक साथ पांच शव का हो सकेगा दाह संस्कारः पांचों श्मशान घाट अभी तक जीर्णशीर्ण अवस्था में थे। एक-दो से अधिक दाह-संस्कार नहीं हो पाता था। अब ऐसा नहीं होगा। इन श्मशान घाटों में अब एक साथ पांच शवों का दाह संस्कार हो सकेगा। यहां एक साथ 1500 लोग बैठ सकेंगे, वह भी छायादार शेड में। गर्मी, बरसात से बचने के लिए हर जगह तीन-तीन शेड बनाए गए हैं।

आधुनिक श्मशान घाटों में मिलेगी यह सुविधा

- एक बाथरूम, जिनमें दो नहाने और दो शौचालय की सुविधा। चार यूरिनल।

- दो जगह चिह्नित शेड, एक में तीन व दूसरे में दो शवों का एक साथ दाह संस्कार।

- पूरे परिसर में चारों तरफ व अंदर 30 से 35 एलईडी लाइटें। काली का एक मंदिर।

- दाह संस्कार स्थल के चारों ओर कृत्रिम घास और छायादार पौधे।

- बिजली व्यवस्था व केयरटेकर के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम रूम।

- कोई जानवर अंदर प्रवेश न करें, इसके लिए लोहे का बड़ा मेन गेट।

श्मशान घाटों को आधुनिक तरीके से पार्क के तौर पर विकसित करने का उद्देश्य यही है कि स्वच्छ और साफ-सुथरे माहौल में मुक्ति मिले। मुक्तिधाम पहुंच रहे हैं तो लगना चाहिए कि यह मोक्ष का उद्यान है।

- चंद्र मोहन कश्यप, नगर आयुक्त धनबाद

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