Move to Jagran APP

बीसीसीएल के लिए जीवनदान साबित होगी डीसी लाइन

आशीष अंबष्ठ, धनबाद : कोयला उत्पादन का लक्ष्य पूरा करने में पिछड़ रही बीसीसीएल के लिए धनबाद-चंद्रपुर

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 05:52 AM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 05:52 AM (IST)
बीसीसीएल के लिए जीवनदान साबित होगी डीसी लाइन
बीसीसीएल के लिए जीवनदान साबित होगी डीसी लाइन

आशीष अंबष्ठ, धनबाद : कोयला उत्पादन का लक्ष्य पूरा करने में पिछड़ रही बीसीसीएल के लिए धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन जीवन दान साबित होने वाली है। कंपनी को जल्द ही रेल लाइन को हैंडओवर किया जाएगा। कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने धनबाद दौरे के क्रम में स्पष्ट रूप से कह दिया कि सुरक्षा को लेकर डीसी लाइन पर रेल परिचालन नहीं होगा। अब इसे खनन के लिए कोल कंपनी को हैंडओवर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश को कोकिंग कोल की आवश्यकता को डीसी लाइन के नीचे पड़े कोयला उत्पादन से पूरा किया जा सकता है।

loksabha election banner

आग में जल रहा लाखों टन कोयला :

भूमिगत आग में जल रहे कोकिंग कोल पर नजर है। सीएमपीडीआइएल व प्लानिंग विभाग की रिपोर्ट के अनुसार रेल लाइन के नीचे 195 मिलियन टन कोयला का बड़ा भंडार है। 34 किमी डीसी लाइन में 14 किमी रेल लाइन पर भूमिगत आग का सबसे अधिक खतरा है। 14 किमी में 195 मिलियन टन कोयले का भंडार है, जबकि 34 किमी के दायरे में करीब 262 मिलियन टन कोयला का भंडार है।

मुनाफे में आ जाएगी कंपनी :

तकनीकी जानकारों के अनुसार एक अनुमान के मुताबिक करीब 50 हजार करोड़ का कोयला यहां है। खनन होते ही कंपनी घाटे से मुनाफे में आ जाएगी। फिलहाल कंपनी हजार करोड़ से अधिक के नुकसान में है। बता दें चालू वित्तीय वर्ष में भी कंपनी करीब पांच सौ करोड़ का नुकसान पार कर चुकी है।

90 मीटर रेल लाइन के दोनों किनारे मिलेगा खुला स्थान :

प्लानिंग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रेल लाइन के 45 मीटर दाहिने व बाएं साइड को मिलाकर यानी 90 मीटर चौड़ी और 22 किमी लंबी इन लाइन के नीचे करीब 195 मिलियन टन कोयले का भंडार है। इसमें 63 फीसद कोकिंग कोल तो 37 फीसद नन कोकिंग कोल है। रेल लाइन बंद होने पर जमीन की ऊपरी सतह पर ही स्थित कोयला का इतना बड़ा भंडार पर खनन के लिए उपलब्ध हो जाएगा। ऊपरी सतह पर 53 मिलियन कोकिंग कोल व 34 मिलियन टन नन कोकिंग कोल का भंडार है। मौजूदा समय में बीसीसीएल करीब 35 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर रही है। 42.5 मिलियन टन का लक्ष्य है। तीन साल में तीन गुणा उत्पादन बढ़ाने की जिम्मेवारी है।

शुरुआत में खुलेंगे चार मेगा प्रोजेक्ट : बीसीसीएल रेल लाइन किनारे स्थित चार एरिया कुसुंडा, कतरास, सिजुआ व गोविंदपुर में मेगा प्रोजेक्ट खोलने की तैयारी है। प्लान रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है। गोविंदपुर, बांसजोड़ा व अंगारपथरा के पास पहले चरण में प्रोजेक्ट को खोला जाएगा। बीसीसीएल ने इसकी तैयारी कर ली है। सीएमडीआइएल वर्क प्लान तैयार कर रह है। कई प्रोजेक्ट रेल लाइन के कारण विस्तार नहीं हो पा रहा था, हैंडओवर होने से कई परियोजनाओं का भी अस्तित्व बच जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.