400 करोड़ दबाए बैठे छोटे ‘नीरव मोदियों’ पर कसा शिकंजा
ऋण लेकर बैठे छोटे-छोटे ‘नीरव मोदियों’ के खिलाफ धनबाद जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। बैंकों से करीब 400 करोड़ रुपये का ऋण लेकर बैठे छोटे-छोटे ‘नीरव मोदियों’ के खिलाफ धनबाद जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। राशि वसूली के लिए पहले से चल रहे नीलाम पत्रवाद के मामले में तेजी से वारंट और कुर्की निर्गत किए जा रहे हैं। इसका असर दिखने भी लगा है। ऋण लेक बैठे डिफाल्टर भुगतान के लिए वकील लेकर नीलाम पत्र पदाधिकारी के पास पहुंच रहे हैं।
नीरव मोदी प्रकरण सामने आने के बाद ऋण वसूली के लिए बैंकों पर दबाव बढ़ गया है। वैसे धनबाद के बैंकों ने कितनी राशि ऋण के रूप में दी है और कितनी फंसी है, यह तो बैंक ही बता सकते हैं। लेकिन, नीलाम पत्रवाद के मामले में करीब 400 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। इसकी वसूली के लिए उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे ने नीलाम पत्र पदाधिकारियों को निर्देश दिया है। इसके बाद वसूली के लिए धड़ाधड़ वारंट निर्गत किए जा रहे हैं। साथ ही वारंट के निष्पादन के लिए एसएसपी से भी बात की गई है ताकि वह थानेदारों को सख्ती से पेश आने का निर्देश दें।
कार्यपालक दंडाधिकारी सह नीलाम पत्र पदाधिकारी कृष्णा कुमार ने बताया कि गुरुवार को नीलाम पत्र के मामलों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने बताया कि ऋण भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ वारंट निर्गत होगा। उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। नीलामपत्रवादों के लिए प्रशासन के इस रुख के बाद विभिन्न बैंक भी अपने ऋणधारकों से वसूली की प्रक्रिया तेज करने पर विचार कर रही है। नीरव मोदी प्रकरण के बाद 6600 चिह्नित डिफॉल्टरों में से सैकड़ों को अब तक नोटिस भेजा जा चुका है। अब रिकवरी के लिए पुलिस प्रशासन से मदद लेने पर विचार किया जा रहा है।
15 दिन में 20 लाख मिले
एडीएम सप्लाई शशि प्रकाश झा नीलाम पत्र से संबंधित मामलों की तेजी से सुनवाई कर रहे हैं। राशि का भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ वारंट निर्गत कर रहे हैं। इसका असर दिख रहा है। डिफाल्टरों ने 15 दिन के अंदर करीब 20 लाख रुपये जमा कराएं हैं।