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बागडिगी खान हादसे को याद कर कांप उठता है कलेजा

लोदना बड़ी खान दुर्घटनाओं की सूची में झरिया की बागडिगी कोलियरी भी शामिल है। दो फरवरी 2001 को यहां हुई खान दुर्घटना में बागडिगी कोलियरी के 29 श्रमिक शहीद हो गए थे। मंगलवार को बागडिगी खदान हादसे की बरसी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 11:43 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 11:43 PM (IST)
बागडिगी खान हादसे को याद कर कांप उठता है कलेजा

लोदना : बड़ी खान दुर्घटनाओं की सूची में झरिया की बागडिगी कोलियरी भी शामिल है। दो फरवरी 2001 को यहां हुई खान दुर्घटना में बागडिगी कोलियरी के 29 श्रमिक शहीद हो गए थे। मंगलवार को बागडिगी खदान हादसे की बरसी है। उक्त हादसा को याद कर यहां के लोगों का कलेजा कांप उठता है। दो फरवरी 2001 के दिन के 12 बजे लोदना क्षेत्र की बागडिगी कोलियरी में खान दुर्घटना हुई थी। बारह नंबर खदान में बांध की दीवार टूटी और पानी खदान में घुस गया था। बताते हैं कि 1962 से ही इस खदान के अंदर डैम में पानी जमा था। एक सप्ताह से पानी रिस रहा था। पुख्ता इंतजाम न होने से बांध टूट गया। तत्कालीन आयुक्त वी किस्पोट्टा, एसपी अब्दुल गनी मीर व पूर्व मंत्री बच्चा सिंह मौके पर पहुंचे थे। खदान में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मुंबई से गोताखोरों की टीम भी आई थी। घटना के चार दिन बीतने के बाद जब खदान में फंसे श्रमिकों के बचने की संभावना क्षीण हो गई तो परिजनों ने गोताखोरों से शव निकालने की अपील की। पांच फरवरी की रात 12 बजे गोताखोरों की टीम ने शवों को खदान से बाहर निकाला। लाशों की पहचान कैप लैंप नंबर से की गई। इसके बाद हर दो फरवरी को बागडिगी के शहीद स्मारक पर श्रमिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है।

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बंद हो चुका है बागडिगी खदान :

खदान हादसे के कुछ साल बाद बागडिगी खदान भूमिगत आग के कारण बीसीसीएल प्रबंधन ने बंद कर दी। यहां की दोनों खदान की चानक की भराई हो चुकी है। आसपास चल रही परियोजना के कारण अब बस्ती के साथ शहीद स्थल पर भी खतरा मंडराने लगा है। हादसे में जिदा बच गया था सलीम :

बागडिगी खान हादसे में सलीम अंसारी श्रमिक जिदा बच गए थे। वह सात दिनों तक खदान के घुप अंधेरे में मौत से संघर्ष करते रहे। हादसे के बारे में पूछे जाने पर सलीम की आंखों में आंसू आ जाते हैं। सलीम बताते हैं कि सात नंबर सिम में उनकी ड्यूटी थी। तभी जोरदार आवाज हुई और अचानक पानी आने लगा। हम किसी प्रकार एक कोयले के ढेर पर चढ़ गए। यहीं पर सात दिनों तक बिना कुछ खाए व पीए बैठे रहे। कई श्रमिकों ने हमारे सामने ही पानी में डूबकर दम तोड़ दिया। बीसीसीएल ने मेरे साथ किया अन्याय :

सलीम कहते हैं कि आठवें दिन लोदना क्षेत्र के तत्कालीन एजीएम प्रसाद साहब रेस्क्यू टीम के साथ खदान में पहुंचे तो हम चिल्ला उठे। हमें खदान से बाहर निकाला गया। अगस्त 2006 को सेवानिवृत्त हुए। सलीम ने बीसीसीएल प्रबंधन पर अन्याय करने का आरोप लगाया। कहा कि प्रबंधन ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था। पुत्र को आउटसोर्सिग परियोजना में नियोजन देने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कहा कि प्रबंधन में मानवीयता नाम की चीज भी नहीं बची। अब कोई हालचाल भी पूछने वाला भी नहीं है। हादसे के बाद बागडिगी पहुंचे थे तत्कालीन कोयला मंत्री रामविलास :

बागडिगी खान हादसा के बाद तत्कालीन केंद्रीय कोयला मंत्री रामविलास पासवान बागडिगी पहुंचे थे। उन्होंने बीसीसीएल के तत्कालीन सीएमडी बीएन पान से घटना की जानकारी ली थी। दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही थी। बागडिगी निवासी लोजपा नेता मुंद्रिका पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान घटना के बाद दो बार बागडिगी पहुंचे थे। खदान के नीचे भी जाकर घटना की जानकारी ली थी।


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